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JNU कैंपस में देशद्रोह का आरोपी खालिद मौजूद, सरेंडर या गिरफ्तारी पर सस्पेंस

करीब 13 दिन पहले यानि 9 फरवरी का दिन जेएनयू कैंपस भारत विरोधी नारेबाजी का केंद्र बना। आतंकी अफजल गुरू की बरसी पर देश के खिलाफ तकरीरें की गयीं। भारत मां के टुकड़े टुकड़े करने वाले नारों से जेएनयू कैंपस गूंजता रहा और उन नारों की तरंगे जब जेएनयू कैंपस से बाहर निकलीं तो देश का सियासी माहौल गरमा गया। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पहले हिरासत में लिया गया फिर गिरफ्तार किया गया। लेकिन नारेबाजी का मास्टरमाइंड अपने पांच सहयोगियों के साथ फरार हो गया। करीब १३ दिनों की लुकाछिपी के बाद वो बीती रात अपने सहयोगियों के साथ जेएनयू कैंपस में दाखिल हुआ। उसने ना केवल आरएसएस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की बल्कि संविधान की दुहाई देकर 9 फरवरी की घटना को न्यायसंगत बताया।

खालिद और दूसरे आरोपी रविवार शाम को ही विश्वविद्यालय कैंपस में दाखिल हो गए थे। जिस समय खालिद दाखिल हुआ उस वक्त जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के पास 150 से ज्यादा छात्रों का जमावड़ा था जिसे आरोपियों ने संबोधित किया।

छात्रों को जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष आशुतोष ने भी संबोधित किया। उसने अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अपनी बातों को सही करार दिया। देशद्गोह के मामले में आरोपी बनाए गए आशुतोष ने कहा कि केंद्र सरकार फांसीवादी ताकत है। ये सरकार अपने से अलग विचार रखने वालों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।

उमर खालिद के अलावा दूसरे फरार छात्र अनिर्बन, अनंत, रामा नागा और आशुतोष भी जेएनयू कैंपस में मौजूद हैं।

जेएनयू कैंपस में खालिद और दूसरे आरोपियों की भनक लगते ही दिल्ली पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि पुलिस विश्वविद्यालय परिसर में नहीं दाखिल हुई।

ताजा घटनाक्रम

1. उमर खालिद और दूसरे आरोपी रात के करीब 12 बजे जेएनयू में दाखिल हुए।

2. उमर के साथ पांच आरोपियों ने एडमिनिस्ट्रेटिव भवन के पास आरएसएस और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

3.आरोपियों के साथ करीब 150 छात्रों का जमावड़ा रहा।

4. पुलिस, जेएनयू प्रशासन से विश्वविद्यालय में प्रवेश करने की अनुमति का इंतजार करती रही ।

5. आरोपियों के वकील भी जेएनयू में मौजूद।

गौरतलब है कि 9 फरवरी कोे आतंकी अफजल गुरू की बरसी के दौरान इन आरोपियों ने देश विरोधी नारे लगाए थे। भारत विरोधी नारेबाजी के दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की मौजूदगी के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें देशद्रोह के मामले में पहले हिरासत में लिया था। करीब पांच दिन की हिरासत के बाद कन्हैया को पटियाला हाउस कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस का कहना था कि कन्हैया के खिलाफ उनके पास पुख्ता सबूत हैं। पुलिस ने ये भी कहा कि अगर कन्हैया जमानत के लिए अर्जी लगाता है तो वो उसके बेल अर्जी का विरोध नहीं करेगी।