सियाचिन ग्लैशियर में हिमस्खलन के बाद बुधवार को लापता हुए
सभी 10 भारतीय जवानों की मौत हो गई है
। इस खबर की पुष्टि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट
से हुई, जो उन्होंने गुरुवार शाम को किया। इन 10 जवानों में एक
जेसीओ भी शामिल हैं।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया- सियाचिन में सैनिकों की मौत
काफी दुखद है। मैं उन सैनिकों को सलाम करता हूं, जिन्होंने देश के
लिए अपना जीवन दे दिया। उनके परिजनों के प्रति संवेदनाएं। एक
रक्षाकर्मी के मुताबिक किसी के भी बचने की संभावना बेहद कम
थी, क्योंकि यह काफी खतरनाक हिमस्खलन था। 19600 फी की
ऊंचाई पर जो आर्मी पोस्ट इसके दायरे में आई, वह मद्रास
बटालियन की थी।
हिमस्खलन के दूसरे दिन भी जवानों का तलाशी अभियान जारी
रहा था, और इस दौरान पाकिस्तान की तरफ से मदद की पेशकश
भी की गई थी, जिसे भारत ने यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि
अभियान के लिए हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं। रक्षा मंत्री और
आर्मी ने गुरुवार को दिन में ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि
जवानों के बचने की संभावना बहुत कम है।
आर्मी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि यह
काफी दुखद घटना है। हम सैनिकों को सलाम करते हैं, जिन्होंने
हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए सभी परेशानियों का
सामना किया और ड्यूटी के दौरान बलिदान हो गए। रक्षा
मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी कहा था कि लापता जवानों के
जिंदा होने की संभावना न के बराबर है। जम्मू कश्मीर के
राज्यपाल एन एन वोहरा ने भी सैनिकों के परिवारों के प्रति
संवेदना जताई है।
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