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पठानकोट: 6 सुरक्षाकर्मी शहीद, रावलपिंडी में बनी साजिश

पठानकोट एयरबेस पर शनिवार सुबह हुए आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले गरूड़ कमांडो व सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। इस हमले में मरने वाले कुल लोगों की तादाद 7 बताई जा रही है। मुठभेड़ के बाद एक आतंकवादी की लाश को अपने कब्जे में करने की कोशिश के दौरान हुए IED धमाके में NSG के लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज सुबह अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
उनकी मौत के साथ ही भारतीय पक्ष से मरने वालों की संख्या 7 हो गई है। शुक्रवार को भारतीय सीमा में प्रवेश करने के बाद आतंकियों ने एक टैक्सी किराये पर ली थी। बाद में उन्होंने उस टैक्सी चालक को भी मार दिया था। इस हमले के दौरान सुरक्षाबलों और NSG की संयुक्त कार्रवाई के दौरान 5 आतंकी भी मारे गए थे।
उधर आज सुबह पूरे एयरबेस और इसके आसपास के इलाकों की सघन तलाशी अभियान के दौरान एक ग्रेनेड बम निष्क्रिय करते समय उसमें धमाका हो गया। इस घटना में एक सुरक्षाकर्मी के घायल होने की खबर है।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस आतंकी हमले का मकसद भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में नए सिरे से शुरू हुई शांति वार्ता को विफल करना है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ये दोनों ही जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के सहयोगी हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इस हमले की साजिश रावलपिंडी में रची गई थी। इसके पीछे पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी ISI का भी हाथ बताया जा रहा है। मालूम हो कि पाकिस्तानी सरकार के अलावा वहां की सेना को भी सत्ता का एक अहम केंद्र माना जाता है। पाकिस्तानी सेना कभी भी भारत के साथ शांति वार्ता के पक्ष में नहीं बताई जाती।
मालूम हो कि अभी एक हफ्ते पहले ही पीएम मोदी काबुल से वापस लौटते समय लाहौर पहुंच गए थे। उनकी यह यात्रा पूर्वनियोजित कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी। बताया गया था कि उसी सुबह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से हुई बातचीत के दौरान मोदी को पाकिस्तान आकर शरीफ की नवासी की शादी में शामिल होने का आमंत्रण मिला था। भारत-पाक के बीच ताजा शुरू हुई बातचीत के बाद से ही अंदेशा लगाया जा रहा था कि आतंकवादी दोनों देशों के बीच संबंधों को बिगाड़ने और शांति वार्ता असफल करने के मकसद से इस तरह की आतंकी वारदातों को अंजाम दे सकते हैं।
कैबिनेट राज्य मंत्री व पूर्व सेनाध्यक्ष वी.के. सिंह ने पठानकोट हमले की निंदा करते हुए कहा, 'पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगानी चाहिए। पीएम मोदी के दौरे से दोनों देशों के बीच दोस्ती की उम्मीद जगी थी।' उन्होंने कहा कि आतंकी नहीं चाहते कि भारत और पाकिस्तान में दोस्ती हो। सिंह ने कहा, 'पाक के आतंकी संगठन नहीं चाहते कि भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती हो। हम अपने सुरक्षा तंत्र को जितना मजबूत करेंगे, हमारे लिए उतना ही बेहतर होगा।'
उधर, आज सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का एक 12 सदस्यीय दल पठानकोट पहुंच गया है। शनिवार को हुए आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में एजेंसी यहां पहुंची है। खुफिया सूत्रों ने बताया है कि अबतक इस हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का हाथ होने के सबूत मिले हैं। कहा जा रहा है कि हमला करने वाले आतंकियों ने अपने आकाओं से फोन पर बातचीत भी की। ये सभी फोन पाकिस्तानी सीमा में होने के सबूत मिले हैं। आतंकियों ने फोन पर अपने जिन आकाओं से बात की, उनका नाम मौलाना अशफाक और हाजी अब्दुल शकीर बताया गया है।
मालूम हो कि अभी हाल ही में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पंजाब से ही भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सेना ने कहा था कि आरोपी अधिकारी निलंबित था। जांच एजेंसी ने बाद में बताया कि ISI ने हनीट्रैप में फंसाकर अधिकारी को फंसाया और उससे वायुसेना व उसके ठिकानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश की।