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चेन्नै आपदा: सबने साथ दिया लेकिन नेताओं दिखा दिया अपना रूप

बेवक्त और मूसलाधार बारिश की जबर्दस्त मार के चार दिनों बाद
चेन्नै फिर से पटरी पर लौट रहा है। इसके बावजूद कुछ राजनेता
अपनी ही राह पर खड़े हैं। बिजली बाहाल कर दी गई है, एयरपोर्ट
फिर से खोल दिया गया है, चेन्नै से जाने वाले ट्रेनें भी शुरू हो गई हैं,
सेलफोन्स से बातें होने लगीं हैं, पेट्रोल के लिए गाड़ियां कतार में हैं
और दुकानें छोटी पड़ रही हैं।
राहत बचाव का कार्य संपन्न हो गया है लेकिन यह अभियान पूरे
जोरों पर चला। कॉर्पोरेट्स, एनजीओ, सरकारी एजेंसियां और भले
लोगों ने इस मुसीबत की घड़ी में जमकर साथ दिया। कुछ इलाकों में
तो राहत सामग्री की भरमार रही। भारी मात्रा में खाद्य
पदार्थ और दूध पैकेट्स बर्बाद भी हुए।
बिना किसी एक खास एजेंसी के एनजीओ वहां तक पहुंचने में
कामयाब रहे जहां लोगों को मदद की जरूरत थी। कुछ इलाकों में
खाना नहीं पहुंचा हालांकि अन्य लोगों ने दावा किया कि वे
केवल दही चावल या लेमन राइस ही खा सकते थे। बैंक रविवार को
भी काम कर रहे हैं। पिछले कामों को ये निपटाने में लगे हैं। एटीएम से
भी पैसे निकलने लगे हैं।
लेकिन इसके साथ ही गंदी राजनीति भी सामने आ रही है।
राजनेता चाहते हैं वे अपनी पहचान छोड़ पाएं। खबरें हैं कि लोकल
पार्टी के नेताओं ने एनजीओ द्वारा पहुंचाई जा रही मदद को
रोकने की कोशिश की। इससे भी बुरा है कि कुछ नेता चाहते थे
कि उनके इलाके में राहत सामग्री बांटने से पहले उन्हें रिश्वत दी
जाए। सामाजिक कल्याण मंत्री बी. वालारमथी पर आरोप है
कि उन्होंने आईटी ऐम्पलॉयीज द्वारा भेजी गई मदद सामग्री को
रोक दिया था। हालांकि राज्य सरकार ने इस रिपोर्टों को
तत्काल खारिज कर दिया। कंपनी ने भी इनकार कर दिया है।
इस आपदा में सिविक इन्फ्रास्क्रचर को भारी नुकसान पहुंचा है।
आवासीय इलाकों में इस वजह से बड़े-बड़े होल खुल गए हैं।
तिरुवनमियुर और वेलाचेरी इलाकों में अब भी जलजमाव है।
हालांकि टीएनईबी के अधिकारियों ने बताया कि उनके लोग कई
दिनों से ठीक से सो नहीं पाए हैं। कई जगहों पर बिजली सेवा
बाहाल नहीं हो पाई है। इन्होंने कहा कि जब तक पानी सूख नहीं
जाता है तब तक वे बिजली सप्लाई करने का जोखिम नहीं उठा
सकते। इन्होंने कहा कि ओपन तारों से बिजली सप्लाई के बाद और
खतरनाक स्थिति हो सकती है।
कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने कहा कि इन इलाकों में जब तक
पानी सूख नहीं जाता है तब तक बिजली को लेकर कुछ किया नहीं
जा सकता। हालांकि लोकल लोगों का कहना है कि सोमवार
तक चीजें दुरुस्त हो जाएंगी। मौसम विभाग ने आने वाले चार
दिनों में जो भारी बारिश की भविष्यवाणी की थी उसमें सुधार
किया है। स्कूल, कॉलेज अभी बंद हैं।