हिमाचल प्रदेश के श्याम सरन नेगी (98 साल) पिछले 65 सालों से हरेक चुनाव में वोट डालते आ रहे हैं, चाहे वह लोकसभा चुनाव हो या ग्राम पंचायत का चुनाव। श्याम नेगी एक रिटायर्ड टीचर हैं और आजाद भारत के पहले वोटर भी। पिछले साल लोकसभा चुनाव में गूगल ने नेगी के जरिए लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया था। चाहे ओले हों या मूसलाधार बारिश, नेगी वोट जरूर करते थे। इस तरह से वह भारतीय लोकतंत्र के ऐंबैस्डर बन गए थे।
आशंका है कि नेगी का यह शानदार रेकॉर्ड इस बार के हिमाचल पंचायत इलेक्शन में टूट जाएगा। हालांकि वह अभी भी मतदान के इच्छुक हैं लेकिन उनका परिवार उनके गिरते स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। नेगी के परिजनों ने बताया,'उनकी तबीयत काफी खराब है। ऐसे में उनके लिए पोलिंग बूथ तक दो किलोमीटर का रास्ता तय करना भी मुश्किल होगा।' हिमाचल पंचायत चुनाव अगले साल एक जनवरी को होने वाला है।
गूगल ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान दिखाई थी नेगी की कहानी
नेगी हिमाचल प्रदेश के कल्पा गांव में रहते हैं जो समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। उन्होंने 25 अक्टूबर, 1951 में वोट डालकर स्वतंत्र भारत का पहला मतदाता बनने का गौरव प्राप्त किया था। उस साल किन्नौर में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी को देखते हुए 25 अक्टूबर 1951 को ही चुनाव करा लिए गए थी जबकि बाकी जगहों पर जनवरी-फरवरी 1952 में चुनाव हुए थे। नेगी की बहू सुरमा देवी ने कहा,'उनके पैरों में दर्द हो रहा है इसलिए उन्हें चलने में परेशानी हो रही है। हम उम्मीद करते हैं कि वह एक जनवरी को पोलिंग बूथ तक जाने में सक्षम हों लेकिन सबकुछ उनके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।'
पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान गूगल ने #pledge एक एक विडियो कैंपेन के जरिए नेगी की कहानी बताई थी। विडियो में बताया गया था कि साल 1951 में कैसे वह भारी बर्फबारी के बावजूद वोट डालने के लिए घर से निकले थे। इस विडियो के जरिए नेगी ने लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित भी किया था।' इस विडियो के बाद वह लोगों में काफी लोकप्रिय हो गए थे।