देश भर के सरकारी स्कूलों में छठी से 12वीं तक के सभी बच्चों को हर हफ्ते आयरन और फोलिक एसिड (आइएफए) की नीली गोली खिलाने के विशेष अभियान को अब 11 करोड़ बच्चों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान की ब्रांड एंबेस्डर फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने कहा है कि वे खुद भी पिछले छह महीने से यह सरकारी गोली खा रही हैं। इससे उन्हें अपनी अनियमित दिनचर्या के बावजूद बहुत फायदा मिला है।
किशोर और किशोरियों में एनीमिया की समस्या को दूर करने के लिहाज से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे साप्ताहिक आयरन और फोलिक एसिड सप्लिमेंटेशन कार्यक्रम के प्रचार अभियान की शुरुआत के लिए पहुंची प्रियंका ने कहा कि छह महीने पहले उन्हें इस बारे में पता चला और उसके बाद से वे खुद भी यह गोली नियमित रूप से ले रही हैं। उन्होंने कहा कि इस टैबलेट को ले कर किशोरों को डरने की कोई जरूरत नहीं, उन्हें इतने महीने में कभी कोई समस्या नहीं हुई।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके मां-पिता दोनों ही डाक्टर हैं और वे देश के विकास में स्वास्थ्य की अहमियत को काफी अच्छे से समझती हैं। इसलिए यूनिसेफ के साथ एक दशक से जुड़ी हुई हैं। मां-बाप को चाहिए कि वे खास तौर पर किशोरियों को पोषक खुराक उपलब्ध करवाने पर ध्यान दें। इसके बावजूद अगर रक्त की कमी रह जाती है तो वह इस गोली से दूर हो सकेगी। भारत में 15 से 19 वर्ष की उम्र के 56 फीसदी लड़कियां और 30 फीसदी बच्चे एनीमिया के शिकार हैं।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि आइएफए गोली के साथ ही साल में दो बार पेट के कीड़े मारने के लिए एलबेंडाजोल की गोली भी मुहैया करवाई जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रमुख सीके मिश्रा ने कहा कि देश में हर साल दस से 24 साल की उम्र के 26 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से अधिकांश मामले ऐसे होते हैं, जिनमें बचाव मुमकिन है। एनीमिया की वजह से ना सिर्फ उनकी उत्पादकता कम हो जाती है, बल्कि कई बार बहुत गंभीर संकट में पड़ जाते हैं। ऐसी लड़कियां मां बनने पर स्वस्थ बच्चे को जन्म नहीं दे पातीं।