कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में आज अपरान्ह तीन बजे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होंगे। इस दौरान अदालत के बाहर या कहीं और सियासी ड्रामा न करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने सभी नेताओं को निर्देश जारी कर दिए हैं। अलबत्ता पार्टी के सभी सांसद एक बजे से पहले कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर नेतृत्व के पीछे अपनी एकजुटता दिखाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, अदालत के खिलाफ न दिखने की सलाह के मद्देनजर अब सोनिया और राहुल समेत अन्य नेता आवश्यकतानुसार निजी मुचलका भरकर या जमानत लेने की औपचारिकता पूरी कर सकते हैं। इस बीच, सोनिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संयम बरतने की भी सलाह दी है। वहीं दिल्ली के अकबर रोड पर पोस्टर लगाकर सोनिया और राहुल के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं।
पहले जमानत नहीं लेने की राय बनी थी। मगर अदालत की तरफ से जारी समन पर जिस तरह कांग्रेस ने दोनों सदनों में हंगामा किया, उससे सियासी तौर पर खराब संदेश गया। वकालत की पृष्ठभूमि से आने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी समझाया कि इससे अदालत के सामने खराब संदेश जा सकता है। इन स्थितियों के मद्देनजर पार्टी आलाकमान ने अदालती कार्रवाई का सम्मान करने का फैसला किया है। राजनीतिक तौर पर तो कांग्रेस इस मामले में फंस रही थी, लेकिन उसका आक्रामक रवैया न्यायपालिका को नागवार गुजर सकता था। इसीलिए, सड़क और संसद पर प्रदर्शन की रणनीति से फिलहाल कांग्रेस ने दूरी बनाई है।
सोनिया और राहुल के अलावा कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिंस के साथ ही यंग इंडिया के दो अन्य निदेशकों पत्रकार सुमन दुबे और सैम पित्रोदा को भी कोर्ट में पेश होना है। भाजपा नेता सुब्रह्माण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया के बहाने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर हजारों करोड़ की जायदाद हथियाने का आरोप लगाकर अदालत में याचिका दायर की थी। इस पर दोनों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने समन जारी किया था।
जमानत तो लेनी ही होगी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड केस में न सिर्फ अदालत में पेश होना होगा, बल्कि औपचारिक तौर पर जमानत भी लेनी पड़ेगी। सेवानिवृत अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रेम कुमार कहते हैं कि यह मामला निजी शिकायत का है। निजी शिकायत के मामले में अदालत शिकायतकर्ता के बयान दर्ज करती है। अगर अदालत को लगता है कि प्रथमदृष्टया मामला बनता है, तो वह अभियुक्तों को समन जारी करती है। जिन धाराओं में समन जारी होता है, अगर वे जमानती अपराध हैं, तो अदालत अभियुक्त के पेश होने पर जमानत दे देती है, लेकिन अगर समन गैर जमानती धाराओं में जारी हुआ है, तो जमानत के लिए औपचारिक रूप से अर्जी देनी होती है। जहां तक सोनिया और राहुल का मामला है, तो उन पर कुछ गैर जमानती अपराधों में भी आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में उन्हें अदालत से जमानत लेनी होगी।
यह है कार्रवाई की प्रक्रिया
निजी शिकायत के मामले में शिकायत दाखिल होने के बाद कोर्ट शिकायतकर्ता के बयान दर्ज करती है।
उसकी ओर से पेश गवाहों और सबूतों पर विचार किया जाता है।
यदि लगता है कि आरोपियों पर प्रथमदृष्टया मामला बनता तो वह अभियुक्तों को समन जारी करती है।
जिन आपराधिक धाराओं में समन जारी होता है अगर वे जमानती अपराध हैं तो पेश होने पर तुरंत जमानत दे देती है।
लेकिन समन गैर जमानती धाराओं के अपराध में जारी हुआ है तो आरोपियों को जमानत के लिए औपचारिक रूप से अर्जी देनी होती है।
अर्जी की प्रति शिकायतकर्ता को भी दी जाती है और अर्जी पर सुनवाई करने के बाद अगर अदालत को ठीक लगता है तो वह जमानत दे देती है।
शिकायतकर्ता की ओर से पेश किए गए गवाहों से बचाव पक्ष को जिरह करने के अधिकार का होता है इसे प्री-चार्ज स्टेज कहते हैं।
निजी शिकायत के मामले में ये एक लंबी कानूनी प्रक्रिया होती है।
गवाहों के बयान और जिरह पर विचार करने के बाद अगर अदालत को लगता है कि यह मामला फलां-फलां धाराओं में बनता है तो वह आरोप तय करती है। इसके बाद ट्रायल शुरू होती है।
सोनिया-राहुल पर गैर जमानती धाराएं भी इस केस में सोनिया और राहुल पर कुछ गैर जमानती अपराधों में भी आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में उन्हें अदालत से जमानत लेनी होगी।
(जैसा कि सेवानिवृत्त अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रेम कुमार ने बताया)