दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आम आदमी
पार्टी की सरकार ने अन्ना हजारे के सुझाव मान कर जनलोकपाल
बिल में 2 संशोधन प्रस्ताव पेश किए हैं। दिल्ली के डेप्युटी सीएम
मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को विधानसभा में दोनों प्रस्ताव
पेश किए। इस विधेयक पर आज विधानसभा में चर्ची हो रही है।
अन्ना ने सुझाव दिया था कि लोकपाल चयन समिति में 4 की
जगह 7 सदस्य होने चाहिए, जिनमें हाई कोर्ट के 2 जज और एक
प्रतिष्ठित शख्स और शामिल हों। इसके अलावा उनका सुझाव था
कि लोकपाल को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद ही पद से हटाने
के लिए महाभियोग प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए।
बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार विधानसभा में
'कमजोर' जनलोकपाल बिल पेश करने के आरोपों से घिर गई थी।
सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी इसमें
कमियां गिनाई थीं।
इसके बाद CM केजरीवाल ने कहा था कि वह अन्ना द्वारा
खासतौर पर लोकपाल की नियुक्ति और हटाने के संबंध में
प्रस्तावित बदलावों को निश्चित रूप से लागू करेंगे। केजरीवाल ने
ट्वीट किया, 'अन्नाजी आपके समर्थन और आशीर्वाद के लिए
शुक्रिया। हम आपके सुझावों को निश्चित रूप से लागू करेंगे।'
लोकपाल के सदस्यों की नियुक्ति और हटाने की प्रक्रिया की
पूर्व आप नेताओं प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव के साथ बीजेपी ने भी
आलोचना की थी और दिल्ली विधानसभा में मुख्य विपक्षी
पार्टी ने केजरीवाल पर मूल रूप से बनाए गए प्रावधानों को हल्का
करके सबसे बड़ा धोखा देने का आरोप लगाया गया था।
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