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राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या पहुंची पत्‍थरों की नई खेप

अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर निर्माण को लेकर सरगर्मी बढ़ती दिख रही है। रविवार को राजस्थान से पत्थर अयोध्या पहुंचे। इन पत्थरों की राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने पूजा की। बताया जा रहा है कि पत्थरों को बाहर से मंगाए जाने को लेकर प्रशासन से इजाजत नहीं ली गई है।

नृत्य गोपालदास ने क्या कहा?
-रविवार को शिलाओं के पूजन-अर्चन के बाद महंत नृत्य गोपालदास ने कहा कि भगवान की कृपा से राम मंदिर निर्माण का वक्त आ गया है।
-जिन शिलाओं की पूजा हो चुकी है, उनसे मंदिर निर्माण होगा। केंद्र में मोदी की सरकार है, जल्दी ही राम मंदिर निर्माण शुरू होगा।
अब कानून का इंतजार नहीं
-महंत ने ये भी कहा कि अभी तक राम मंदिर के लिए कानून बनाने के वास्ते राज्यसभा में बहुमत का इंतजार था। अब ऐसा नहीं है।
-उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने की देशभर में भव्य तैयारी चल रही है और जल्दी ही मंदिर बनाएंगे।
क्या होगा लाए जा रहे पत्थरों का?
-रविवार को पत्थरों (शिलाओं) को पूजन के बाद रामसेवक पुरम में रखा जा रहा है। यहीं से इन शिलाओं को निर्माण स्थल पर भेजा जाएगा।
-बीते जून में मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को दान दिए जाने की घोषणा की गई थी।
तराशे जा चुके हैं एक लाख घन फीट पत्थर
रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर में दो लाख घन फीट पत्थरों का उपयोग होना है। एक लाख घन फीट से अधिक पत्थरों की तराशी की जा चुकी है। बाकी पत्थरों की तराशी का काम जारी है। रविवार को प्रात: एक ट्रक पर 15 टन पत्थर राजस्थान के भरतपुर से रामसेवक पुरम पहुंचा।

रामलला को स्वेटर, रजाई एवं गर्म कपड़े मिलने का रास्ता साफ हो गया है। एक-दो दिनों में ही रामलला ठंड से निपटने के साजो-सामान से लैस होंगे। दैनिक जागरण ने दो दिन पहले ही 18 दिसंबर को 'स्वेटर सर्दी का सितम झेल रहे रामलला' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। रविवार को यह मुद्दा रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर के निरीक्षण में आब्जर्वर न्यायाधीश एसके सिंह एवं टीएस खान की मौजूदगी में मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े पक्षकारों के बीच छाया।

मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर की छत को दिया गया अंतिम रूप
रामलला के मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर की छत में तिरपाल लगाए जाने की प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया गया। इस दौरान निर्मोही अखाड़ा के पंच पुजारी रामदास, हाजी महबूब, बादशाह खां, निर्मोही अखाड़ा के अधिवक्ता रणजीतलाल वर्मा, रामलला के अधिवक्ता मदनमोहन पांडेय, रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री, हिंदू महासभा के अधिवक्ता हरिशंकर जैन सहित भारतीय पुरातत्वर सर्वेक्षण के प्रतिनिधि मौजूद रहे।