दिल्ली के चर्चित निर्भया बलात्कार कांड के तीन साल पूरे
होने के साथ ही नाबालिग़ दोषी को रिहा कर दिया गया है.
नाबालिग़ के वकील एपी सिंह ने इसकी पुष्टि
की है. लेकिन नाबालिग़ के बारे में और कोई जानकारी
नहीं दी.
इस बीच निर्भया के माता-पिता ने मीडिया
को बताया कि वो इंडिया गेट पर शाम छह बजे कैंडल मार्च करेंगे जहां और बहुत सारे
लोगों के जमा होने की उम्मीद है.
हालांकि उनकी रिहाई रोकने की हर मुमकिन कोशिश
की गई थी. मौजूदा क़ानून के तहत नाबालिग़ दोषी को
दूसरा मौक़ा दिया जा रहा है.
इससे पहले निर्भया के माता-पिता रविवार शाम चार बजे से इंडिया गेट पर प्रदर्शन
करना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें इसकी इजाज़त नहीं
दी. इसके बाद माता-पिता ने प्रदर्शन करने का इरादा बदल दिया.
निर्भया के माता-पिता आशा देवी
और बद्रीनाथ सिंह प्रदर्शन के लिए इंडिया गेट जाना चाहते थे लेकिन
पुलिस ने सुरक्षा कारणों से ऐसा करने से मना कर दिया.
एक पुलिस अधिकारी ने मौक़े पर कहा कि संसद सत्र के कारण इंडिया गेट
के आसपास धारा 144 लागू है इसलिए वो वहां प्रदर्शन नहीं कर सकते.
जब पुलिस के लोग उनकी गाड़ी के आगे आकर खड़े हो गए तो
आख़िरकार परिवार को प्रदर्शन वापस लेना पड़ा.
इस पर बेहद निराश आशा देवी ने कहा कि उनके साथ “नाइंसाफ़ी
हो रही है” और एक तरफ़ जहां उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका
जा रहा है तो दूसरी ओर सरकार एक अपराधी को जेल से रिहा
कर रही है. उन्होंने कहा, “मेरे आगे पीछे पुलिस लगा
दी गई है और मैं आगे नहीं बढ़ पा रही हैं. मैं
चाहती हूं कि समाज में लड़कियों को इतनी सुरक्षा दी
जाए कि उनके साथ ऐसी घटनाएं न हों.”
इसी बीच दिल्ली महिला आयोग की
अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया है कि उन्होंने जुवेनाइल
जस्टिस बोर्ड को पत्र लिखकर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में
उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी है इसलिए 2012
दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषी पाए गए नाबालिग़ को न छोड़ा जाए.
नाबालिग़ दोषी की रिहाई से जुड़े घटनाक्रम की 7
ताज़ा बातें
1. शनिवार देर रात दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति
मालीवाल भारत के मुख्य न्यायाधीश के घर
पहुंचीं
और गैंगरेप के नाबालिग़ दोषी की रिहाई रोकने के लिए याचिका दायर
की जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी.
2. शनिवार देर शाम प्रदर्शन कर रहे निर्भया के माता-पिता समेत कई प्रदर्शनकारियों
को कुछ देर के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया. रिहाई का विरोध कर रहे निर्भया के
परिवार का तर्क है कि अगर अपराध के लिए उम्र नहीं है तो फिर सज़ा
के लिए क्यों हैं. हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया कि उन्हें उनकी सुरक्षा
के लिए अलग रखा गया था.
3. शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने नाबालिग़ की रिहाई रोकने
से इंकार कर दिया था, जिसके बाद रविवार या उससे पहले नाबालिग़ की रिहाई
तय हो गई थी.
4. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ नाबालिग़ दोषी को सुधार गृह से
अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया है.
5. कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार नाबालिग़ का परिवार उसे वापस लेने से
हिचकिचा रहा है और नाबालिग़ भी जेल से बाहर आने से डर रहा है.
नाबालिग़ के परिवार ने भी कड़ी सज़ा की मांग
की थी
.
6. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के मुताबिक़ दिसंबर 2012 में
बलात्कार के वक़्त नाबालिग़ दोषी लगभग 17 साल का था.
7. 28 जनवरी 2013 को अपने फ़ैसले में जेजेबी ने नाबालिग़
को वयस्क मानकर मुक़दमा चलाने से इंकार कर दिया था. 31 अगस्त 2013 को
नाबालिग़ को बलात्कार और क़त्ल का दोषी मानते हुए तब के क़ानून के
तहत अधिकतम तीन साल की सज़ा दी गई
थी.
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