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रोहतक में फेल हो चुका है इवन-ऑड प्लान

राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को
नियंत्रित करने के मकसद से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
जिस उपाय को लेकर आए हैं वह करीब 15 साल पहले हरियाणा के
रोहतक में फ्लॉप हो चुका है। रोहतक में इवन-ऑड (सम-विषम) नंबरों
के आधार पर ऑटो के लिए ट्रैफिक प्लान लागू किया गया था,
लेकिन कुछ महीनों बाद ही इस व्यवस्था को वापस लेना पड़ गया
था। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मौजूदा प्रधान
सचिव राजेश खुल्लर साल 2000 में रोहतक के डीसी हुआ करते थे।
उन्होंने ही इस पुराने व्यस्त शहर के ट्रैफिक को दुरुस्त करने के लिए
इवन-ऑड नंबर्स के आधार पर ऑटो के दिन निर्धारित किए थे। इस
व्यवस्था के तहत एक दिन शहर में सिर्फ इवन नंबर्स वाले और अगले
दिन सिर्फ ऑड नंबर्स वाले ऑटो चल सकते थे। शुरू में लोगों ने इस
प्लान का खुलकर स्वागत किया था। ऑटो चालकों को भी इससे
कोई ज्यादा गुरेज नहीं था। लेकिन, ट्रायल का वक्त पूरा होते-
होते यह सिस्टम फेल होने लगा था और ऑटो चालकों में भी इसको
लेकर नाराजगी पैदा हो गई थी। करीब 6-7 महीनों के अंदर ही इस
ट्रैफिक प्लान को न केवल रोहतक से बल्कि प्रदेश के दूसरे शहरों से
भी वापस ले लिया गया था। हरियाणा ऑटो रिक्शा चालक
कल्याण संघ के अध्यक्ष तस्वीर सिंह टांक के मुताबिक एक दिक्कत
यह पैदा हो गई थी कि जो ऑटो मालिक समर्थ थे, उन्होंने इवन-
ऑड दोनों नंबरों वाले ऑटो ले लिए थे। हालत यह हो गई थी कि
नया प्लान लागू होने से पहले शहर में करीब दो हजार ऑटो थे,
लेकिन नया प्लान लागू होने के बाद यह संख्या दोगुनी हो गई थी।
वहीं इस प्लान से ऑटो चालकों का वह हिस्सा जो दो नंबरों
वाले ऑटो का जुगाड़ नहीं कर सकता था, उसके साथ ही शहर के
नागरिक भी परेशान हो गए थे। इसके अलावा भीड़ और पल्यूशन
दोनों में ही बढ़ोतरी देखी गई थी। वहीं ऑटो चालकों का बड़ा
मुद्दा यह भी था कि वे जो टैक्स देते हैं, वह हर रोज ऑटो चलाने के
लिए देते हैं। इस पॉइंट को आधार बनाकर ऑटो चालक कोर्ट जाने
की तैयारी भी कर रहे थे। आखिरकार, इस प्लान से तौबा कर ली
गई।