जाने माने चित्रकार चिंतन उपाध्याय ने अपनी पत्नी और मशहूर चित्रकार हेमा उपाध्याय के हत्यारों को 22 लाख रुपये दिए थे। हत्यारे 30 लाख मांग रहे थे पर सौदा इससे कम में पट गया। इस मामले में चिंतन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और अदालत ने उन्हें 1 जनवरी तक पुलिस की हिरासत में सौंपा है।
अपराध शाखा 13 दिसंबर से ही चिंतन से पूछताछ में जुटी थी। सोमवार रात पुलिस ने उन्हें पहली बार बुलाया। मामले में गिरफ्तार आरोपी के सामने रख कर उनसे पूछताछ की गई। कुछ ही घंटों की पूछताछ के बाद चिंतन ने जांचकर्ताओं के सामने स्वीकार किया कि वह अपनी पत्नी से परेशान हो चुके थे। गुजारा भत्ते की मांग दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी इसलिए उन्होंने पीछा छुड़ा लेने की ठान ली थी। पुलिस के मुताबिक, चिंतन ने बताया कि पहले तो गुजारा के लिए 25 हजार रुपये की मांग की थी। फिर बढ़ाकर 40 हजार रुपये किया और इसके बाद मांग एक लाख रुपये तक जा पहुंची।
चिंतन ने अपनी पत्नी हेमा और उसके वकील हरीश भंबानी की हत्या के एक-एक पहलू को तय किया था। उसे डर था कि यदि वकील बच गया तो वह मुकदमे को जीवित रखेगा और तब उन्हें भारी नुकसान होगा।
कांदिवली थाने के अधिकारियों ने कहा कि इस मामले के मुख्य आरोपी और टेंपो चालक के साथ चिंतन की लंबी और विस्तृत मुलाकात हुई थी। चिंतन ने बताया कि मुलाकात के लिए ही वह दिल्ली से मुंबई पहुंचे थे और चेंबूर के एक होटल में 9 दिसंबर को मुलाकात हुई थी।
मुलाकात में इस मामले के फरार आरोपी विद्याधर राजभर के साथ ही प्रदीप राजभर और टेंपो चालक विकास से चिंतन ने कहा कि वे लोग हेमा को बताएंगे कि चिंतन का एक महिला के साथ वीडियो क्लिप उनके पास है। इससे उनके मामले में काफी मदद मिल सकती है। सभी को यह भी कहा था कि जब तक दोनों स्पॉट तक नहीं पहुंचे वे लोग कोई आवाज भी नहीं करेंगे। इसके बाद वे लोग हत्या कर देंगे। टेंपो चालक बाहर नजर रखेगा और बाकी के लोग लाशों को लपेट कर टेंपो के पीछे लाद देंगे। लाशों को नाले के पास इस तरह फेंकने के लिए कहा था जिससे जानवर क्षत-विक्षत कर दें ताकि पहचान न होने पाए।
टेंपो चालक ने बताया जब लाशें मिल गई तब उन्हें पहचान लिए जाने का खतरा सताने लगा था। इस बात का डर था कि कहीं कोई पुलिस को टेंपो के बारे में जानकारी न दे दे। उनकी होटल में हुई मुलाकात के दौरान लाल रंग की शर्ट पहने एक आदमी ने पीछा किया था। अब पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है।