उत्तराखंड में पैदा हुए हालिया राजनीतिक संकट के बाद रविवार
को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। टीवी रिपोर्ट्स
के मुताबिक, गवर्नर की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति से
इस बारे में जो सिफारिश की थी, उस पर उन्होंने मुहर लगा दी।
राज्य विधानसभा को फिलहाल भंग नहीं किया गया है और उसे
निलंबित रखा गया है।
उधर, कांग्रेस ने इस आदेश को असंवैधानिक बताते हुए इसे चुनौती देने
की बात कही है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि फैसले
को कानूनी चुनौती दी जाएगी।
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद जब बीजेपी से सरकार बनाने या
चुनाव में जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो पार्टी ने कहा कि
दोनों विकल्प खुले हैं। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने
कहा है कि अगर राज्यपाल उन्हें सरकार बनाने को कहेंगे तो
सरकार बनाएंगे और वह चुनावों में जाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने
दावा किया कि बीजेपी के पास 36 विधायक हैं।
राष्ट्रपति शासन ऐसे वक्त में लगाया गया है जब उत्तराखंड के
मुख्यमंत्री हरीश रावत को बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च
तक का वक्त दिया गया था। बता दें कि पिछले कई दिनों से इस
बारे में खबरें आ रही थीं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया
जा सकता है। हरीश रावत ने भी रविवार सुबह इस बारे में संकेत दिए
थे। तब उन्होंने कहा था कि अब वह जनता के बीच इस मुद्दे को लेकर
जाएंगे। इससे अनुमान लगाया गया था कि वह राज्य में नए सिरे से
चुनाव की बात कह रहे हैं।
रावत ने तब बीजेपी और केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा
था कि राज्य के इतिहास में यह लंबे अंतराल के बाद हो रहा है कि
कोई शासक दल सत्ता के अहंकार में चूर होकर एक छोटे से सीमांत
राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दे रहा है।
उत्तराखंड में हालिया राजनीतिक संकट तब पैदा हुआ था जब
विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस के 9 विधायक बागी हो गए थे
और उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया था।
को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। टीवी रिपोर्ट्स
के मुताबिक, गवर्नर की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति से
इस बारे में जो सिफारिश की थी, उस पर उन्होंने मुहर लगा दी।
राज्य विधानसभा को फिलहाल भंग नहीं किया गया है और उसे
निलंबित रखा गया है।
उधर, कांग्रेस ने इस आदेश को असंवैधानिक बताते हुए इसे चुनौती देने
की बात कही है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि फैसले
को कानूनी चुनौती दी जाएगी।
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद जब बीजेपी से सरकार बनाने या
चुनाव में जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो पार्टी ने कहा कि
दोनों विकल्प खुले हैं। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने
कहा है कि अगर राज्यपाल उन्हें सरकार बनाने को कहेंगे तो
सरकार बनाएंगे और वह चुनावों में जाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने
दावा किया कि बीजेपी के पास 36 विधायक हैं।
राष्ट्रपति शासन ऐसे वक्त में लगाया गया है जब उत्तराखंड के
मुख्यमंत्री हरीश रावत को बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च
तक का वक्त दिया गया था। बता दें कि पिछले कई दिनों से इस
बारे में खबरें आ रही थीं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया
जा सकता है। हरीश रावत ने भी रविवार सुबह इस बारे में संकेत दिए
थे। तब उन्होंने कहा था कि अब वह जनता के बीच इस मुद्दे को लेकर
जाएंगे। इससे अनुमान लगाया गया था कि वह राज्य में नए सिरे से
चुनाव की बात कह रहे हैं।
रावत ने तब बीजेपी और केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा
था कि राज्य के इतिहास में यह लंबे अंतराल के बाद हो रहा है कि
कोई शासक दल सत्ता के अहंकार में चूर होकर एक छोटे से सीमांत
राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दे रहा है।
उत्तराखंड में हालिया राजनीतिक संकट तब पैदा हुआ था जब
विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस के 9 विधायक बागी हो गए थे
और उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया था।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासनः रात में ही हो गया था फैसला, जेटली गए थे प्रणव के पास!
सियासी तूफान से गुजर रहे उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने
की पटकथा शनिवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता
में हुई कैबिनेट की आपात बैठक में ही लिख ली गई थी। हालांकि
इसकी भनक किसी को नहीं लग पाई।
करीब 50 मिनट तक चली इस बैठक में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन
लगाने का अंतिम फैसला लिया गया और फिर माना जाता है
कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रात में ही राष्ट्रपति को इस बारे
में बताया। इसके बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने रविवार सुबह
संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार शाम इसकी पुष्टि करते हुए
बताया कि कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड के हालात पर चर्चा के
बाद राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार
रात केंद्रीय कैबिनेट की यह आपात बैठक हुई थी। इस बैठक के लिए
प्रधानमंत्री अपने असम दौरे को बीच में छोड़कर दिल्ली पहुंचे थे।
कैबिनेट ने राज्यपाल के.के. पॉल से मिली कई रिपोर्टों पर विचार
किया, जिसमें उन्होंने राजनीतिक स्थिति को अस्थिर बताया
और राज्य विधानसभा में सोमवार को प्रस्तावित शक्ति
परीक्षण में हंगामा होने की संभावना पर चिंता जताई थी।
मीडिया को इस बात की खबर तो थी कि बैठक उत्तराखंड के
ताजा सियासी हालात पर हो रही है, लेकिन बैठक में राष्ट्रपति
शासन लगाने पर अंतिम फैसला ले लिया गया है, इसकी भनक
किसी को नहीं लग पाई।
हालांकि कांग्रेस को इसका कुछ-कुछ अंदेशा हो गया था। इसी के
चलते कांग्रेस की उत्तराखंड की प्रभारी अंबिका सोनी ने ठीक
कैबिनेट बैठक के वक्त आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह आशंका
जाहिर कर मोदी सरकार पर हमला बोल दिया था।
सियासी तूफान से गुजर रहे उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने
की पटकथा शनिवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता
में हुई कैबिनेट की आपात बैठक में ही लिख ली गई थी। हालांकि
इसकी भनक किसी को नहीं लग पाई।
करीब 50 मिनट तक चली इस बैठक में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन
लगाने का अंतिम फैसला लिया गया और फिर माना जाता है
कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रात में ही राष्ट्रपति को इस बारे
में बताया। इसके बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने रविवार सुबह
संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार शाम इसकी पुष्टि करते हुए
बताया कि कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड के हालात पर चर्चा के
बाद राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार
रात केंद्रीय कैबिनेट की यह आपात बैठक हुई थी। इस बैठक के लिए
प्रधानमंत्री अपने असम दौरे को बीच में छोड़कर दिल्ली पहुंचे थे।
कैबिनेट ने राज्यपाल के.के. पॉल से मिली कई रिपोर्टों पर विचार
किया, जिसमें उन्होंने राजनीतिक स्थिति को अस्थिर बताया
और राज्य विधानसभा में सोमवार को प्रस्तावित शक्ति
परीक्षण में हंगामा होने की संभावना पर चिंता जताई थी।
मीडिया को इस बात की खबर तो थी कि बैठक उत्तराखंड के
ताजा सियासी हालात पर हो रही है, लेकिन बैठक में राष्ट्रपति
शासन लगाने पर अंतिम फैसला ले लिया गया है, इसकी भनक
किसी को नहीं लग पाई।
हालांकि कांग्रेस को इसका कुछ-कुछ अंदेशा हो गया था। इसी के
चलते कांग्रेस की उत्तराखंड की प्रभारी अंबिका सोनी ने ठीक
कैबिनेट बैठक के वक्त आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह आशंका
जाहिर कर मोदी सरकार पर हमला बोल दिया था।