बिहार के बीजापुर में दो रेलवे ब्रिजों के लोकार्पण और एक रेलवे ब्रिज के
शिलान्यास के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और
नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव की तल्खी
को भुलाकर 'फ्रेंडली' मूड में नजर आए। मोदी ने इस मौके पर
अपनी उपलब्धियां तो गिनाई हीं, लेकिन साथ ही पास
बैठे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
की पीठ भी ठपथपाई। मोदी ने कहा कि गांवों
तक बिजली पहुंचाने के मिशन में नीतीश सरकार से
उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है। वहीं नीतीश ने
भी अपने भाषण में मोदी के सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया।
सबसे दिलचस्प वाकया तब देखने को मिला, जब नीतीश के
भाषण के दौरान रैली में आए लोग मोदी-मोदी के नारे
लगाने लगे और पीएम ने खुद मंच पर आगे आकर लोगों को चुप कराया।
रेलवे प्रॉजेक्ट्स पर पीएम ने कहा कि जब अटल जी
पीएम और नीतीश कुमार रेल मंत्री थे,
यह सपना तब देखा गया था और आज पूरा हो रहा है। पिछले 10 साल में अगर इसे
नजरअंदाज न किया गया होता तो भी शायद पांच-सात साल पहले यह काम
पूरा हो गया है।
'नीतीश दे रहे हैं पूरा साथ'
मोदी ने अपनी सरकार के हजार दिन के अंदर गांवों तक
बिजली पहुंचाने के अभियान में नीतीश द्वारा पूरा
सहयोग मिलने की बात कही। मोदी ने कहा, 'मैं
नीतीश जी का आभारी हूं कि इस काम को
गति देने में उनकी राज्य सरकार की तरफ से भी पूरा
सहयोग मिलता रहा है। इसके कारण यह काम भारत सरकार गति से कर
रही है। मुझे विश्वास है कि एक बार बिहार और भारत सरकार तय कर
ले, तो पूरे हिंदुस्तान में 18 हजार गांवों का काम पूरा हो जाएगा। इसमें बिहार को सबसे
पहले पूरा कर दिया जाएगा। जिस तरह से काम चला है, मेरा विश्वास है कि यह हो
जाएगा।
मोदी ने अपने भाषण में बिजली, रेल, रोड से लेकर गैस तक
की बात की। नीचे पढ़िए, क्या कहा पीएम
मोदी ने...
देरी से 2400 करोड़ बढ़ा बजट
600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस ब्रिज का बजट
देरी के कारण 3000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह पैसा जनता का है।
पिछले 18 महीने में इसका सबसे ज्यादा काम हुआ है। करीब
34 फीसदी काम अधूरा पड़ा था, उसे हमारी सरकार के
दौरान पूरा किया गया।
पूर्वी भारत के लिए प्यार
पूरे भारत का विकास तब तक नहीं संभव है, जब तक पूर्वी
भारत विकसित नहीं होगा। पूर्वी यूपी, बिहार,
उड़ीसा, उत्तर-पूर्व भारत का विकास बेहद जरूरी है। भारत के
विकास का नर्व सेंटर पूर्वी भारत में ही है। अब वक्त आ गया
है कि हम लोगों की तात्कालिक जरूरतों को जरूर पूरा करें, लेकिन लंबे अर्से
की व्यवस्थाओं पर काम करना बेहद जरूरी है।
पहले बिहार का भाग्य बदलना होगा
पिछली सरकार ने पांच साल में जितना खर्चा बिहार में किया, उससे ढाई गुना
ज्यादा खर्च पिछले डेढ़ साल में हमारी सरकार ने किया। अगर भारत का
भाग्य बदलना है, तो बिहार का भाग्य पहले बदलना होगा। बिहार सरकार के साथ
मिलकर केंद्र सरकार इस काम को पूरा करेगी, इस पर मुझे पूरा भरोसा है।
सबसे बड़ी एफडीआई बिहार में
मेरे बिहार के नौजवानों को इन दिनों बहुत बड़ा तोहफा मिला है। दो लोकोमोटिव कारखाने इस
साल बिहार को मिले हैं। 2006-07 से इस पर काम हो रहा था, भाषण में इसका
इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन इस पर काम नहीं हुआ। हमने टेंडर में
बदलाव किए, प्रक्रिया भी आसान की। 40 हजार करोड़ रुपये
की एफडीआई बिहार की इन दो जगहों पर
आएगी और इसे भारत की सबसे बड़ी
एफडीआई माना जाएगा।
हर गरीब परिवार को देंगे गैस कनेक्शन
बिहार को गैस कनेक्टिविटी से जोड़ने की दिशा में हम
तेजी से काम कर रहे हैं। इसका फायदा भी बहुत जल्द देखने
को मिलेगा। आपने देखा होगा कि इस बजट में हमने गरीब परिवारों को गैस
कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। पांच करोड़ गरीब परिवारों को
आने वाले तीन साल में हमें यह लक्ष्य हासिल करना कठिन है, लेकिन
हमने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई है। वैज्ञानिक कहते हैं कि जो
महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती हैं, उनके शरीर में 400 सिगरेट
के बराबर धुआं जाता है। हमने तय किया है कि अब इन परिवारों को चूल्हे और कोयला
से मुक्ति दिलानी है।
बिहार में बिजली का टारगेट सबसे पहले
आजादी के इतने साल बाद भी गांवों में बिजली
नहीं पहुंची है। बिजली अब जीवन का
हिस्सा है। यह अमीरों का खेल नहीं है, यह गरीबों
की जरूरत है। 18000 गांव ऐसे मिले जहां बिजली का पोल तक
नहीं था। मुझे विश्वास है कि अगर एक बार बिहार सरकार और केंद्र
सरकार तय कर ले तो हम सबसे पहले बिहार में यह काम पूरा कर सकते हैं। जिस
तरह से यह काम चला है, उसे देखते हुए मुझे यकीन है कि यह काम
भी हो जाएगा।
युवाओं के लिए नई योजनाएं
हमारे नौजवान देश के कोने-कोने में जाते रहते हैं। लंबे सफर की ट्रेनों में
आरक्षण की सीमा रहती है। इस बार रेल बजट में
एक अहम कदम उठाया गया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा बिहार का नौजवान उठाएगा।
यह नया कदम दीनदयालु डिब्बे के रूप में है, जिन्हें हर लंबी
दूरी की ट्रेन में लगाया जाएगा। इनमें आप आखिरी
वक्त में भी चाहें तो चढ़ पाएंगे। नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग का
दायरा बढ़ रहा है। इनकी जरूरतें भी ज्यादा हैं। इसके लिए
हमने हमसफर ट्रेन शुरुआत की है। इमसें 3एसी में लोग
सफर कर सकेंगे। हमारी रेल काफी पुरानी हो
चुकी है। अगर रेल का नवीनीकरण नहीं
किया गया तो काफी मुश्किल हो जाएगी।
छुक-छुक से नहीं चलेगा देश
सुरेश प्रभु जी काफी इनोवेटिव हैं, नए आइडियाज लाते हैं और
विदेश से फंड्स भी लाते हैं और मुझे यकीन है कि रेल का
नवीनीकरण जरूर होगा। तेजस नाम की एक ट्रेन शुरू
करने की योजना है, जिसकी रफ्तार 130 किलोमीटर
प्रति घंटा होगी। अब इतना बड़ा देश छुक-छुक की रफ्तार से
नहीं चल सकता। रेल सिर्फ यातायात का साधन नहीं है, यह
देश की अर्थव्यवस्था को गति देने वाला गतिशील माध्यम है।