कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में बुधवार को
सरकार पर जमकर निशाना साधा.
राहुल गांधी सदन में काले धन से लेकर, रोज़गार, रोहित वेमुला और
जेएनयू तक के मुद्दों पर बोला.
उनके भाषण में तंज, व्यंग और हास्य का पुट नज़र आया. उनके भाषण
के 12 मुख्य अंश:
1. मोदी जब आए थे तो बड़े बड़े वादे किए थे. उन्होंने कहा था कि
हर साल दो करोड़ लोगों को रोज़गार मिलेगा, महंगाई कम हो
जाएगी. कहां गए रोज़गार, दाल 200 रुपये पहुंच गई, अंतरराष्ट्रीय
बाज़ार में दाम लुढ़कने के बाद जो बचत हुई, उसका एक पैसा जनता
को नहीं मिला, मिला तो उद्योगपतियों को.
2. सरकार ने मेक इन इंडिया का बब्बर शेर तैयार किया. जहां देखो
वहीं काले रंग का बब्बर शेर. हम पूछते हैं कि बब्बर शेर तो दिखा
दिया, रोज़गार कितना दिया.
3. सरकार बजट में फ़ेयर एंड लवली स्कीम लेकर आई है ताकि लोग
अपने काले धन को सफेद बना सकें. काला धन सफ़ेद कर रहे हैं
वित्तमंत्री. पहले कालाधन वापस लाने का वादा किया, अब उसे
ही सफ़ेद करने की स्कीम बना दी.
4. राहुल जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की क़ीमतों का हवाला दे
रहे थे तो उन्हें मौजूदा दामों पर उन्हें टोका गया. इस टोका टाकी
पर कहा, "मैं आरएसएस से नहीं हूँ, मैं ग़लतियां करता हूं. आप लोगों
को सबकुछ पता होता है. हम लोग अपनी ग़लतियों से सीखते हैं."
3. रोहित वेमुला ने सवाल उठाए. उसने पूछा कि क्या उसके जैसे
ग़रीब बच्चों को पढ़ने यहां पढ़ने का भविष्य नहीं है. तो आपने उसे
आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया. और नरेंद्र मोदी ने न वेमुला
की मां को फ़ोन किया न बात की.
4. इसी तरह जेएनयू में कन्हैया के पूछे ये लोग पड़े हैं. क्योंकि यहां का
60 प्रतिशत स्टूडेंट आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक है. 40 प्रतिशत
स्टूडेंट्स के परिजनों की आमदनी 6000 रुपये प्रतिमाह है. आप ये सब
इसलिए करना चाहते हैं क्योंकि आप ग़रीबों को शिक्षा से वंचित
कर देना चाहते हैं. लेकिन आप न तो आप जेएनयू को कुचल पाओगे न
गरीब लोगों को.
5. मैंने कन्हैया का बीस मिनट का भाषण सुना, उसने एक भी शब्द
देश के ख़िलाफ़ नहीं बोला.
6. किस धर्म में लिखा है कि अध्यापकों को मार जाए. कहां
लिखा है कि छात्रों की, प्रोफ़ेसरों की पिटाई की जानी
चाहिए. अदालत परिसर में पीटा जाना चाहिए. जब छात्रों को
पीटा गया तो आपने (प्रधानमंत्री) एक शब्द भी क्यों नहीं कहा.
7. जिस मनरेगा को प्रधानमंत्री ने यूपीए की असफलताओं का
स्मारक कहा था, अब उसी की बड़ाई हो रही है. इस योजना को
राहुल ने नरेगा बोल दिया था, बाद में उन्होंने सुधारा और कहा
कि इस योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर है, सावरकर के
नाम पर नहीं.
8. महात्मा गांधी हमारे हैं, सावरकर आपके हैं. आपने सावरकर को
उठाकर फेंक दिया क्या? इसका जवाब दे दीजिए, फेंक दिया हो
तो बहुत अच्छा किया.
9. भाजपा सांसदों से मुखातिब हो राहुल ने कहा, "मोदी जी
ताक़तवर आदमी हैं, हम डरते हैं, आप भी डरते हैं. लेकिन डरते हुए उनके
सामने आपको थोड़ा बोलना चाहिए. जब आप अपने ही लोगों
को ख़ामोश करते हैं तब आप राष्ट्र की रक्षा नहीं कर रहे होते हैं."
10. प्रधानमंत्री किसकी बात सुनते हैं, क्या वो अपने मंत्रियों की
बात सुनते हैं. आप लोग चुप हैं, मैं समझ गया हूँ, कि वो आपकी भी
नहीं सुनते. प्रधानमंत्री देश नहीं हैं, देश प्रधानमंत्री नहीं है.
11. राष्ट्र केवल तिरंगा नहीं है, वो देश की विविधता और बहुलता
का प्रतिनिधित्व करता है, और हम तिरंगे को सलाम करते हुए उस
विविधता और बहुलता को सलाम कर रहे होते हैं, जिसका वो
झंडा प्रतिनिधित्व करता है. एक राष्ट्र इसके लोगों के बीच का
रिश्ता होता है और अगर लोगों के बीच बातचीत को रोक देंगे तो
राष्ट्र मर जाएगा.
12. जब मैं जेएनयू गया तो आपके एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने काले
झंडे दिखाए. उन्होंने तंज कसा और मेरे बारे में अपशब्द कहे लेकिन मुझे
गुस्सा नहीं आया क्योंकि जिस देश में मैं रहता हूं मुझे पता है कि
कुछ लोग मेरे विचार से समहत नहीं होंगे. इसलिए आक्रोष न लाते
हुए, मैंने अपने भारतीय झंडे का मान रखा.
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