भ्रष्टाचार संबन्धी मामलों में लगातार हो रही वृद्धि पर
गंभीर चिंता जताते हुए बॉम्बे हाइकोर्ट की नागपुर बेंच ने
मंगलवार को नागरिकों से इस बुराई के खिलाफ आवाज उठाने को कहा। साथ
ही कोर्ट ने नागरिकों से कहा कि अगर सरकार इस पर नियंत्रण कर पाने में
फेल होती है तो टैक्स अदा ना करते हुए एक असहयोग आंदोलन
की शुरुआत करें।
भ्रष्टाचार को 'बड़े सिर वाला राक्षस' बताते हुए जस्टिस अरुण चौधरी ने
कहा कि यह समय एक साथ आकर अपनी सरकारों को यह बताने का है
कि अगर एक साथ मिलकर काम किया गया तो भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, 'फिर भी अगर यह जारी रहता है तो एक
असहयोग आंदोलन के रूप में टैक्स देना बंद कर देना चाहिए।'
जस्टिस चौधरी ने यह बात मातंग समुदाय के उत्थान के लिए स्थापित
लोकशाहिर हाओ साठे विकास महामंडल में 385 करोड़ रुपए के गबन के मामले का
अवलोकन करने के बाद कही। साथ ही उन्होंने
डीजीपी को समाचार पत्रों में छपे इस तरह के मामलों
की सच्चाई जानने तथा तत्काल कार्रवाई करने के भी निर्देश
दिए।
साथ ही कोर्ट ने लोकशाहिर हाओ साठे विकास महामंडल के भंडारा जिले के
जिला प्रबंधक प्रल्हाद पवार के अग्रिम जमानत आवेदन को भी नामंजूर
कर दिया। प्रल्हाद पर आरोप है कि उन्होंने एससी कैटिगरी में
आने वाले मातंग समुदाय के करीब सदस्यों में बांटे जाने वाले 24 करोड़ रुपयों
का गबन किया है।
Loading...