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हीमवीर लांस नायक हनुमनथप्पा का निधन

 लांस नायक हनुमनथप्पा का गुरुवार को सुबह 11.45 बजे निधन हो गया। सेना के आर आर अस्पताल में उन्हें बचाने की जद्दोजहद चल रही थी। रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में लाये जाने के बाद से वह लगातार वेंटिलेटर पर थे।

दोनों फेफड़ों में निमोनिया की शिकायत

आर्मी अस्पताल में भर्ती हनुमनथप्पा के दोनों फेफड़ों में निमोनिया की शिकायत थी। आरआर हॉस्पीटल के डॉक्टर ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर इस बात की जानकारी दी थी। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में 35 फीट मोटी बर्फ के नीचे दबे होने के छह दिन बाद जिंदा निकले लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ अब हमारे बीच नहीं रहे।

कई अंग नहीं कर रहे थे काम

हनुमनथप्पा के कई अंग काम नहीं कर रहे थे। डॉक्टर के मुताबिक उनके दिमाग में ऑक्सीजन नहीं पहुंच रहा था। हनुमनथप्पा को डॉक्टरों की टीम की कड़ी निगरानी में रखा गया था। बावजूद इसके उनकी हालत में सुधार होता नहीं दिखा रहा था।

जारी किए गए बुलेटिन में सेना के रिसर्च एंड रेफरल (आरआर) अस्पताल में उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि हनुमनथप्पा कोमा में थे और अगले 24 घंटे बेहद अहम बताए गए थे। हालांकि उनके शरीर के अंग काम कर रहे थे। सारा देश उनके लिए दुआ कर रहा थे। उनके निधन की खबर के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।

सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह भी बुधवार को दोबारा लांस नायक से मिलने सेना के आरआर अस्पताल पहुंचे थे। वहीं, मुंबई में डब्बावालों ने लांस नायक हनुमानथप्पा के लंबे जीवन के लिए प्रार्थना की थी। भोपाल में युवा कांग्रेस लांस नायक हनुमानथप्पा की सलामती के लिए दुआ मांगी।

आरआर अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक हनुमनथप्पा के शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं थी। उनका दिल और फेफड़े ठीक से काम कर रहे थे। लेकिन छह दिन तक बर्फ में दबे रहने से किडनी और लिवर को काफी नुकसान हुआ था। उन्हें निमोनिया हो गया था। किडनी और लिवर को सपोर्ट देने के लिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उन्हें मंगलवार को ही दिल्ली लाया गया था।