लश्करे-ए-तैयबा का पाकिस्तानी-अमरीकी
सदस्य डेविड हेडली पहली बार सोमवार को मुंबई
की एक अदालत के समक्ष वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए
गवाही दे रहा है.
मुंबई पर साल 2008 में हुए चरमपंथी हमलों के सिलसिले में लश्कर-ए-
तैयबा के संदिग्ध सदस्य डेविड हेडली को अमरीका
की एक अदालत ने 2013 में 35 साल की सजा सुना जा
चुकी है.
हेडली इन दिनों अमरीका में सजा काट रहा है लेकिन उसने भारत
में मुंबई हमलों पर चल रहे मामले में सरकारी गवाह बनना कबूल किया है.
हालांकि इस गवाही के बदले उसने सजा में माफ़ी देने
की गुहार भी लगाई है.
माना जा रहा है कि डेविड हेडली मुंबई हमले मामले में नए ख़ुलासे कर
सकता है. वरिष्ठ सरकारी वकील उज्जवल निकम और
नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी की टीम डेविड
हेडली से पूछताछ करेगी.
डेविड कोलमेन हेडली का एक नाम दाऊद सैयद गिलानी है जो
पाकिस्तान मूल का शिकागो स्थित अमरीकी कारोबारी है.
हेडली का जन्म वॉशिंगटन डीसी में हुआ था जहां
उसके पिता सैयद सलीम गिलानी वॉयस ऑफ अमरीका
के लिए काम करते थे.
सैयद सलीम गिलानी और उनकी पत्नी
सेरिल हेडली की शादी टूटने के बाद गिलानी
अपने बेटे डेविड और बेटी के साथ पाकिस्तान लौट गए थे.
पाकिस्तान में डेविड हेडली ने कैडेट कॉलेज में पढाई की जहां
बच्चों को सेना में भर्ती होने के लिए तैयार किया जाता है.
वर्ष 1977 में डेविड की मां पाकिस्तान आईं और उसे अपने साथ लेकर
अमरीका चलीं गईं.
सेरिल हेडली फ़िलाडेल्फ़िया में खैबर पास नामक एक पब चलाती
थीं. वर्ष 2008 में उनका निधन हो गया था.
वहीं हेडली भी फ़िलाडेल्फ़िया में ही एक
वीडियो स्टोर चलाता था. वर्ष 1988 में उसे पाकिस्तान से हेरोइन
तस्करी का दोषी पाया गया था.
हेडली की गिरफ़्तारी के बाद उसके पाकिस्तान में
मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों से संबंधों का और ब्योरा
मिला, पर उन्हें दो साल से भी कम समय के लिए जेल की सज़ा
हुई.
इसके बाद वो अमरीका के लिए खुफिया जानकारी जुटाने के लिए
पाकिस्तान गया. साल 2006 में दाऊद सैयद गिलानी की जगह
उसने अपना नाम डेविड हेडली कर लिया ताकि वो अमरीका और
अन्य देशों की सीमाएं आसानी से पार कर सके.
हेडली ने अपने परिवार को शिकागो में ही बसाया जहां उसने
तहव्वुर हुसैन राणा की आव्रजन एजेंसी के लिए काम करने का
दावा किया.
राणा पाकिस्तान के कैडेट कॉलेज में हेडली के साथ पढ़ा था.
अमरीकी अदालत में अपना अपराध कबूल करते हुए डेविड
हेडली ने मुंबई हमले का पूरा ब्यौरा दिया है.
तब हेडली ने बताया कि वर्ष 2005 में लश्करे तैयबा के तीन
सदस्यों के निर्देश के अनुसार उसने भारत जाकर अपनी योजनाओं के लिए
जानकारी जुटानी शुरू की थी.
वर्ष 2006 की शुरुआत में उसने लश्कर के दो सदस्यों के साथ भारत में
अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए मुंबई में एक आप्रवासन कार्यालय
खोलने की योजना बनाई थी.
हेडली ने यह भी बताया कि था उसने सितंबर 2006,
फ़रवरी और सितंबर 2007 और अप्रैल-जुलाई 2008 में भारत के पांच
दौरे किए थे. साथ ही हर दौरे में उसने अलग-अलग जगहों के
वीडियो भी बनाए थे.
ये वो ही जगहें थीं जिन्हें आगे चलकर चरमपंथी
हमलों का निशाना बनाया जा सकता था. इनमें नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के इलाक़े
भी शामिल थे.
डेविड हेडली को इस मामले में अमरीका में ही
गिरफ्तार किया गया था.
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