अमरीका के लॉस एंजलिस में 88वें ऑस्कर पुरस्कार समारोह में
लंबे इंतज़ार के बाद आख़िरकार लियोनार्डो डि कैप्रियो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का
पुरस्कार मिला है.
लियोनार्डो को फ़िल्म 'दि रेवनंट' के लिए मिला है. इससे पहले भी वह
ऑस्कर के लिए चार बार नामांकित हो चुके थे लेकिन उन्हें सफलता नहीं
मिली थी.
लियोनार्डो 'द रेवनंट' में अपनी भूमिका के लिए ख़ूब तारीफ़ें
बटोरी थीं.
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार 'दि रेवनंट' के निर्देशक एलेजांद्रो जी
इनारितु को मिला है.
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री बनी हैं ब्री लार्सन जिन्हें
फ़िल्म 'रूम' में अदाकारी के लिए यह पुरस्कार मिला है.
सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का ऑस्कर पुरस्कार 'स्पॉटलाइट' को मिला.
सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंटरी फीचर का पुरस्कार 'एमी' को
दिया गया है. 'एमी' का निर्देशन भारतीय मूल के फ़िल्म निर्देशक
आसिफ़ कपाड़िया ने किया है.
'दि डैनिश गर्ल' फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार
अलीसिया विकांडर को दिया गया है.
"ब्रिज ऑफ स्पाइज" के लिए मार्क रायलैंस को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का
पुरस्कार दिया गया है.
बेस्ट डॉक्यूमेंटरी शॉर्ट पुरस्कार 'दि गर्ल इन दि रिवरः दि प्राइस ऑफ
फॉरगिवनेस' को मिला है.
पाकिस्तान की शरमीन उबैद चिनॉय को दूसरा ऑस्कर पुरस्कार
पाक में ऑनर किलिंग पर आधारित इस शॉर्ट डॉक्यूमेंटरी के लिए दिया गया
है.
हंगरी की फ़िल्म 'सन ऑफ सॉल' को विदेशी भाषा
श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का ऑस्कर पुरस्कार मिला है.
ऑस्कर में इस बार सबसे ज़्यादा फ़िल्म 'द रेवनंट' पर सबकी निगाहें
रहीं जिसे 12 श्रेणियों में नामांकित किया गया था.
इस फ़िल्म को बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार मिला है.
वहीं ऑस्ट्रेलियाई निर्देशक जॉर्ज मिलर की फ़िल्म 'मैड मैक्सः
फ्यूरी रोड' को 10 श्रेणियों में नामांकित किया गया. इस फ़िल्म को बेस्ट
फ़िल्म एडिटिंग का पुरस्कार मिला है.
दोनों फ़िल्मों के अलावा 'द बिग शॉर्ट', 'ब्रिज ऑफ़ स्पाइज़', 'ब्रुकलिन', 'द मार्शियन'
और 'रूम एंड स्पॉटलाइट' को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के लिए नामांकित किया गया है.
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने
भी ऑस्कर अवॉर्ड देने के लिए शिरकत किया.
ऑस्कर पुरस्कार के समारोह में प्रियंका के साथ क्विंसी जोंस,
रीस विदपर्सन, स्टील कैरेल, जेके सिमांस और ज़ार्द लेटो जैसे
कलाकार भी थे.
भारत की ओर से विदेशी फ़िल्म कैटेगरी में
मराठी फ़िल्म 'कोर्ट' भेजी गई थी लेकिन वो अंतिम
पांच में जगह नहीं बना पाई.
इस बार के ऑस्कर अवॉर्ड की ख़ास बात यह रही कि इस बार
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और अभिनेत्री की दौड़ में सिर्फ़ गोरे
कलाकार ही शामिल थे.
ऑस्कर पुरस्कारों में सिर्फ़ गोरे कलाकारों के नामांकन को लेकर विरोध प्रदर्शन का
माहौल भी देखा गया.
'दि एकेडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स ऐंड साइंसेज' में श्वेत लोगों का
दबदबा है लेकिन इस बार यह घोषणा की गई है कि इसकी
सदस्यता में विविधता लाई जाएगी.
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