भारत मंगलवार को अपना 67वां गणतंत्र दिवस मना रहा है.
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सुबह दस बजे राष्ट्रीय ध्वज
तिरंगा फहराया.
राजपथ पर आयोजित मुख्य समारोह में शामिल होने से पहले
प्रधानमंत्री नेरंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर
जाकर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि फ़्रांस के राष्ट्रपति
फ़्रांसुआ ओलांद हैं. वो समारोह में शामिल होने के लिए रविवार
को भारत पहुँचे थे.
पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में एक विदेशी सैन्य टुकड़ी परेड में
हिस्सा ले रही है, ख़ास अतिथियों को बारिश से बचाने के लिए
शीशे की छत बनाई गई है, कुत्तों का एक दस्ता परेड में शामिल
किया गया है और सेना का एक दस्ता जिसमें केवल महिलाएँ हैं,
स्टंट पेश कर रहा है.
पिछले साल आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में अमरीकी
राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि थे. उस समय बारिश की
वजह से अतिथियों को परेशानी उठानी पड़ी थी.
उस देखते हुए इस बार वीवीआईपी के बैठने वाली जगह पर शीशे की
एक छत बनाई गई है.
राजपथ पर होने वाली परेड में पहली बार कोई विदेशी सैन्य टुकड़ी
हिस्सा लेगी. इस बार फ़्रांस का 76 सदस्सीय दल मार्च करेगा.
इसमें 48 सदस्सीय संगीतकारों का दल भी शामिल है.
इस बार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) के ऊंट दस्ते के साथ-साथ
सेना के कुत्तों का दस्ता भी अपने मेंटर्स के साथ परेड में शामिल है.
लेकिन इस बार आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी जैसे
अर्धसैनिक बलों का दस्ता परेड में शामिल नहीं है.
राजपथ पर होने वाली परेड में देश के आर्थिक सामाजिक विकास
और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है.
परेड में सेना के जवान मोटरसाइकिलों पर करतब दिखाते हैं. परेड में
इस बार महिलाओं का एक दस्ता मोटरसाइकिलों पर करतब
दिखाएगा.
इस बार परेड में लगने वाले समय को 25 मिनट घटाकर केवल 90 मिनट
कर दिया गया है.
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सुरक्षा के
कई स्तरीय इंतजाम किए गए हैं. इसमें दिल्ली पुलिस के साथ-साथ
अर्धसैनिक बल के जवानों को भी तैनात किया गया है.
भारत में गणतंत्र दिवस मनाने की परंपरा 1950 में शुरू हुई. उस साल
26 जनवरी को देश के संविधान को अंगीकार किया गया था.
इससे पहले सोमवार शाम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देश के नाम
अपने संबोधन में पड़ोसी देशों के साथ सभी समस्याओं के निपटारे
के लिए बातचीत पर ज़ोर दिया. उन्होंने चरमपंथ को कैंसर की तरह
बताया, जिसे ऑपरेशन से काट कर बाहर निकाल देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सूखे, बाढ़ और अंतरराष्ट्रीय मंदी के बावजूद
भारत की अर्थव्यस्था ने 7.3 फ़ीसदी की विकास दर हासिल की
है.
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