अफगानिस्तान के दौरे पर अफगानी संसद की उद्घाटन करने के
बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक पाकिस्तान जाने
की घोषणा कर दी। मोदी की इस घोषणा से
जितना भारतीय राजनीतिक पार्टियां और नेता हैरान थे, उतना
ही हैरान पाकिस्तान भी था। शुक्रवार को मोदी
की इस सरप्राइज विजिट के जो भी मायने हों, लेकिन
कूटनीति के मामले में पीएम मोदी ने एक बार फिर
अपनी गहरी सूझबूझ का परिचय दिया।
गौरतलब है कि शुक्रवार की सुबह जब पीएम मोदी
अफगानी संसद को संबोधित कर रहे थे तो आतंकवाद और अफगानिस्तान
के विकास के मुद्दे पर उन्होंने पाकिस्तान को खूब लताड़ा था। उन्होंने कहा कि
अफगानिस्तान पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते रखने में सक्षम है।
पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर हमला बोलते हुए मोदी यह कहने से
भी नहीं चूके कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भारत और
अफगानिस्तान को इस तरह साथ खड़े नहीं देखना चाहते। वहीं
शाम को वह लाहौर एयरपोर्ट पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज
शरीफ के गले मिले और उनके घर भी गए।
अफगानी संसद में दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने
कहा, 'कुछ ऐसे भी हैं जो हमें यहां साथ खड़े नहीं देखना
चाहते हैं। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो यहां हमारी
मौजूदगी में साजिशें खोजते हैं। कई लोग हैं जो हमारी
साझेदारी की ताकत से बेचैन दिखते हैं। कइयों ने तो हमें
हतोत्साहित करने का भी प्रयास किया।'
इसके बाद दोपहर में जब उनकी नवाज शरीफ से फोन पर
बातचीत हुई तो उन्होंने पाकिस्तान दौरे का कार्यक्रम बना लिया। यहां तक
कि इस फोन कॉल से पहले पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग को
भी मोदी के इस दौरे की खबर नहीं
थी। पाकिस्तान पहुंच कर मोदी ने न सिर्फ नवाज को गले लगाया,
बल्कि उनके घर भी गए। शनिवार को नवाज शरीफ की
नातिन की शादी भी होनी है, जिसके लिए
मोदी ने उन्हें बधाई दी।
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