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नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी, सामने आए कई शेयरधारक

नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। शुक्रवार को प्रशांत भूषण ने ऐसोसिएट जर्नल लिमिटेडड के शेयर यंग इंडिया को ट्रांसफर किए जाने का विरोध करते हुए कहा था कि बिना शेयरधारकों के संज्ञान के इस तरह शेयरों का हस्तांतरण गैरकानूनी हैं और वो इसे लेकर अदालत में जाएंगे। वहीं आज एसोसिएट जर्नल के कई और शेयर धारक मुखर रूप से सामने आने शुरू हो गए है।

नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक रखने वाली एसोसिएट जर्नल के करीब 10 शेयर धारकों ने उन्हें अंधेरे में रखने का आरोप लगाया है। शेयरधारकों का कहना है कि एसोसिएट जर्नल के चेयरमैन मोतीलाल वोरा और उनके निदेशकों ने 2010 में कंपनी के सारे शेयर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम ट्रांसफर कर दिए और इसके लिए उन्होंने शेयर धारकों से सहमति भी नहीं ली।

आपको बता दें कि एसोसिएट जर्नल लिमिटेड के शेयर धारकों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू भी शामिल हैं। उनके दादा कैलाशनाथ काटजू के नाम से एजेएल में 131 शेयर हैं। काटजू ने एक एक इंटरव्यू में कहा कि दोनों कंपनियों के बीच क्या डील हुई है इस बारे में उन्हें कुछ भी नहीं पता है।

ऐजेएल के पूर्व शेयरधारकों में कांग्रेस के पूर्व सांसद विश्व बंधु गुप्त, अभिम इन्वेस्टमेंट, मोहन मेकिन, मशहूर व्यवसायी ज्योत्सना सूरी और रतनदीप ट्रस्ट भी शामिल है। इन सभी शेयर धारकों का भी यही कहना है कि शेयर ट्रांसफर करने से पहले इन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई।

इस मामले पर सोनिया और राहुल गांधी के बचाव में उतरे कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह मामला कोर्ट में है और अब कोर्ट ही इस मामले में फैसला सुनाएगा। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड को दोबारा खड़ा करने के लिए एसोसिएट जर्नल लिमिटेड बनाई गई उन्होंने ये भी कहा कि एसोसिएट जर्नल के पास जो संपत्ति थी वो संपत्ति आज भी उसी के पास है। राहुल गांधी का बचाव करते हुए सिब्बल ने ये भी कहा कि राहुल गांधी ने पहले ही ये बात कह दी थी कि यंग इंडिया लिमिटेड अखबार नहीं चलाएगी।

गौरतलब है कि इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को 19 दिसंबर को कोर्ट में पेश होना है।