केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों में जोखिम
उठाने की क्षमता बढ़ाने और टीम भावना को बढ़ावा देने के
लिए उनसे कहा है कि वे रॉक क्लाइंबिंग और पैराग्लाइडिंग
जैसे अडवेंचर स्पोर्ट्स में भाग लें। सरकार ने यह भी कहा है कि
इसका खर्च वह उठाएगी। सरकार का कहना है कि अडवेंचर
स्पोर्ट्स के लिए कर्मचारियों को प्रेरित करने का केंद्र का
यह कदम उनके बीच 'तनाव की खतरनाक स्थिति और लंबे समय तक
बैठे रहने के नुकसान' से निपटने के लिए उठाया गया है।
डीओपीटी(कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) की ओर से
जारी आदेश में कहा गया है, 'यह जोखिम उठाने, टीम के रूप में
काम करने, चुनौतिपूर्ण स्थितियों में तत्परता दिखाने और
स्थिरता की भावना बढ़ाने का काम करेगा।' विभाग की
इस योजना के मुताबिक, इसके लिए 6 संस्थान 5 से 7 दिनों
का कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इन संस्थानों में हिमाचल प्रदेश
का अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग
ऐंड अलाइड स्पोर्ट्स, जम्मू-कश्मीर का इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ
स्कीइंग ऐंड माउंटेनियरिंग, गोवा का नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ
वॉटर स्पोर्ट्स, उत्तरकाशी का नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ
माउंटेनियरिंग शामिल हैं।
ये संस्थान ट्रैकिंग, माउंटेनियरिंग, रॉक क्लाइंबिंग,
साइकलिंग, स्कीइंग, सर्फिंग, बोटिंग, राफ्टिंग, पैरासेलिंग,
पैरा ग्लाइडिंग, जंगल सफारी, डेजर्ट सफारी, बीच ट्रैकिंग
जैसे कार्यक्रम आयोजित करवाएंगे।
सरकार इनमें शामिल होने वाले कर्मचारियों को 20 रुपये तक
की रकम देगी। इसके अलावा उन्हें विशेष कैजुअल लीव भी दी
जाएगी।
डीओपीटी के आदेश में कहा गया किसी एक वित्त वर्ष में हर
मंत्रालय या विभाग के उन 2 अधिकारियों को कार्यक्रम
शुल्क का 100 फीसदी वित्तीय सहायता के रूप में दिया
जाएगा, जिन्हें काम में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया
जा चुका होगा।
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