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बस्सी ने सीएम केजरीवाल को दी खुली बहस की चुनौती

नई दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी. एस. बस्सी ने
दिल्ली सरकार के आरोपों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को
खुली बहस की चुनौती दी है। उन्होंने इन आरोपों को झूठ का
पुलिंदा करार देते हुए इसे 'आप' का नासमझी भरा कदम बताया है।
बस्सी ने कहा कि वह उनके ऊपर लगे आरोपों को लेकर केजरीवाल
से ओपन डिबेट के लिए भी तैयार हैं। बस्सी ने कहा 'खुद को गरीबों
का मसीहा कहने वाले बहुत से लोग हैं, लेकिन उनके पास झूठ के
अलावा कुछ नहीं होता। बस्सी इतना कमजोर नहीं है, जो अपने
फायदे के लिए झूठ बोलेगा।' दिल्ली सरकार के रजिस्ट्रार ऑफ
को-ऑपरेटिव सोसायटीज की ओर से पुलिस कमिश्नर भीमसेन
बस्सी के खिलाफ ऐंटी करप्शन ब्रांच को शिकायत दी गई है। इस
बारे में कमिश्नर ने बताया कि कंप्लेंट के तीन मुख्य बिंदु हैं। पहला,
रोहिणी में हाउसिंग सोसायटी में गलत तरीके से मेंबर बनकर फ्लैट
लिया गया। दूसरा, ग्रेटर नोएडा में भी सोसायटी की मेंबरशिप
लेकर प्लॉट लिया और रोहिणी के फ्लैट के बारे में वहां नहीं
बताया गया और तीसरा, भाई को फ्लैट बेचते हुए स्टाम्प ड्यूटी
नहीं दी गई। बस्सी ने इन तीनों आरोपों का जवाब देते हुए कहा
कि 1989 में उनकी नौकरी को 12 साल हो चुके थे। उस साल
उन्होंने रोहिणी में सोसायटी का मेंबर बनकर फ्लैट खरीदा,
जिसकी तब कीमत दो लाख 35 हजार रुपये थी। वह घर गोल्फ
लिंक्स या जोरबाग में नहीं बल्कि रोहिणी में हुआ करता था। उन
दानों सोसायटी में मेंबर बनने की तब कोई मारामारी नहीं थी
और दूसरे मेंबर को सोसायटी ने हटा कर छह महीने बाद उन्हें मेंबर
बनाया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने दो लाख रुपये सरकार से
लोन लिया था और 35 हजार रुपये खुद अदा किए थे। वहीं दूसरे
आरोप के बारे में उन्होंने बताया 'ग्रेटर नोएडा में आईएएस अफसर
मिलकर सोसायटी बना रहे थे। उसमें मैं भी मेंबर बना और मैंने 500
वर्ग मीटर का प्लॉट खरीदा। उस मेंबरशिप में यह शर्त थी कि
नोएडा या ग्रेटर नोएडा में घर नहीं होना चाहिए। दिल्ली में घर
नहीं होने की शर्त उसमें नहीं थी, जबकि मेरा फ्लैट तो दिल्ली में
था। इसलिए उसमें छिपाने या बताने का सवाल ही नहीं था।'
तीसरे आरोप के बारे में बस्सी ने कहा कि उन्होंने रोहिणी वाला
फ्लैट अपने भाई को बेचते हुए रजिस्ट्री कराई थी। रजिस्ट्री के
दौरान सर्किल रेट से कम स्टाम्प ड्यूटी पर रजिस्ट्री संभव ही नहीं
है तो कम स्टाम्प ड्यूटी देने का आरोप किस आधार पर लगा दिया
गया। बस्सी ने कहा 'मैं उन लोगों में शामिल नहीं हूं, जो
बौद्धिक बेईमान होते हैं। मैंने सड़कों पर हादसों में होने वाली
मौतों को रोकने के मकसद से ट्रैफिक ऐप लॉन्च किया है, जिसके
लिए लोग मगरमच्छ के आंसू बहाते हैं। वह इंतजार कर रहे हैं कि
दिल्ली की सड़कों पर 15 लाख सीसीटीवी कैमरे कब लगेंगे।
गौरतलब है कि बी. एस. बस्सी का कार्यकाल तीन महीने ही
बचा है और उम्मीद है कि केंद्र सरकार उन्हें सेंट्रल इन्फर्मेशन
कमिश्नर बनाने पर विचार कर रही है। हालांकि यह नहीं माना
जा रहा है कि यह आरोप केंद्र सरकार के फैसले को प्रभावित कर
सकते हैं।