पार्थिव पटेल की कप्तानी पारी (105 रन, 119 बॉल, 10 फोर) के बाद मीडियम पेसर जसप्रीत बुमरा (5/28) और आरपी सिंह (4/42) की शानदार बोलिंग की बदौलत गुजरात ने पहली बार विजय हजारे ट्रोफी वनडे टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया। गुजरात ने दिल्ली को एकतरफा फाइनल मुकाबले में 139 रन से हराया। 274 के टारगेट का पीछा करते हुए दिल्ली टीम केवल 134 रन ही बना सकी। दिल्ली की ओर से पवन नेगी (57 रन, 47 बॉल, 9 फोर और 1 सिक्स), उन्मुक्त चंद (33 रन) और नितिश राणा (12) ही दहाई का आंकड़ा छू सके। ऋषभ पंत, मिलिंद कुमार और ईशांत शर्मा बिना खाता खोले आउट हुए। पार्थिव पटेल और आरपी सिंह को संयुक्त रूप से मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। मैच से पहले दिल्ली को खिताब का प्रबल दावेदार बताया जा रहा था क्योंकि उसके पास इंटरनैशनल मैचों का अच्छा खासा अनुभव रखने वाले कई खिलाड़ी थे।
पार्थिव, रुजुल की पार्टनरशिप गुजरात ने 50 ओवर में 273 रन बनाए। पार्थिव और रुजुल के बीच तीसरे विकेट के लिए 160 बॉल में 149 रन की पार्टनरशिप हुई। इन दोनों ने तब गुजरात की पारी को संभाला जब गुजरात का स्कोर 9.4 ओवर में 2 विकेट पर 44 रन था। पार्थिव और रुजुल के अलावा चिराग गांधी (44* रन, 39 बॉल, 4 फोर), रुष कलारिया (21 रन, 20 बॉल, 1 फोर, 1 सिक्स) और प्रियंक पांचाल (14) ही दहाई का आंकड़ा छू सके। दिल्ली के लिए नवदीप सैनी, सुबोध भाटी और पवन नेगी ने 2-2 विकेट झटके। ईशांत शर्मा, मनन शर्मा और नितिश राणा को 1-1 विकेट मिला।
13 साल का इंतजार खत्म 30 वर्षीय पार्थिव ने लिस्ट A करियर के 159वें मैच में पहली सेंचुरी बनाई। पार्थिव ने 20 फरवरी 2002 को करियर का पहला लिस्ट A मैच देवधर ट्रोफी में वेस्ट जोन के लिए नॉर्थ जोन के खिलाफ खेला था। सोमवार से पहले पार्थिव का लिस्ट A मैचों में हाइएस्ट स्कोर 95 रन था जो उन्होंने 3 सितंबर 2011 को इंग्लैंड के खिलाफ चेस्टर ली स्ट्रीट में बनाया था। विजय हजारे ट्रोफी के इस सीजन में हालांकि पार्थिव का प्रदर्शन इस मैच से पहले औसत रहा था। वह 7 मैचों में 190 रन ही बना सके थे। एक हाफसेंचुरी उन्होंने क्वॉर्टर फाइनल में विदर्भ के खिलाफ बनाई थी। सेमीफाइनल में तमिलनाडु के खिलाफ पार्थिव बिना खाता खोले आउट हो गए थे।
खराब शुरुआत टॉस गंवाने के बाद पहले बैटिंग करने उतरी गुजरात टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। प्रियंक पांचाल आउट होने वाले पहले बैट्समैन थे। सैनी की बॉल पर असमंजस की स्थिति में रहने के बाद वह बोल्ड हो गए। ईशांत ने नए बैट्समैन भार्गव मेराई (5) को LBW आउट किया। पार्थिव ने दूसरे छोर से शुरू से ही पॉजिटिव बैटिंग की। उन्होंने सैनी पर दो फोर जड़े। रुजुल ने भी अपने कैप्टन से प्रेरणा ली और भाटी की बॉल पर मिडविकेट एरिया में इनिंग्स का पहला सिक्स भी लगाया। भाग्य ने भी पार्थिव का साथ दिया। जब वह 67 रन पर थे तब मनन शर्मा ने अपनी बॉल पर उनका कैच छोड़ा। इसके बाद इस विकेटकीपर बैट्समैन ने कोई गलती नहीं की और मिलिंद कुमार की बॉल पर दो रन लेकर 111 बॉल पर सेंचुरी पूरी की। रुजुल और पार्थिव के लगातार ओवरों में आउट होने से गुजरात को नुकसान पहुंचा और इससे उसकी रन गति धीमी पड़ी। रुजुल ने राणा की बॉल पर विकेट के पीछे कैच थमाया जबकि पार्थिव की इनिंग्स का अंत नेगी ने किया। उनकी बॉल बैट और पैड से लगकर विकेट में जा लगी। अक्षर पटेल (6) पर गुजरात का दारोमदार था लेकिन इस ऑलराउंडर को सैनी ने बोल्ड कर दिया। मनप्रीत जुनेजा भी 6 रन बनाकर पविलियन लौटे। गांधी और कलारिया ने सातवें विकेट के लिए 39 बॉल में 42 रन जोड़े।
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