दिल्ली के चर्चित निर्भया बलात्कार कांड के तीन साल पूरे
होने के साथ ही नाबालिग दोषी की रिहाई का रास्ता
भी साफ़ हो गया है.
हालांकि उसकी रिहाई रोकने की हर मुमकिन कोशिश की जा
रही है. मौजूदा क़ानून के तहत नाबालिग दोषी को दूसरा
मौक़ा दिया जा रहा है.
नाबालिग दोषी की रिहाई से जुड़े घटनाक्रम की 7 ताज़ा
बातें
1. शनिवार देर रात दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति
मालीवाल भारत के मुख्य न्यायाधीश के घर पहुंचीं और गैंगरेप
के नाबालिग दोषी की रिहाई रोकने के लिए याचिका दायर
की जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी.
2. शनिवार देर शाम प्रदर्शन कर रहे निर्भया के माता-पिता समेत
कई प्रदर्शनकारियों को कुछ देर के लिए पुलिस हिरासत में लिया
गया. रिहाई का विरोध कर रहे निर्भया के परिवार का तर्क है
कि अगर अपराध के लिए उम्र नहीं है तो फिर सज़ा के लिए
क्यों हैं . हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया कि उन्हें उनकी सुरक्षा
के लिए अलग रखा गया था.
3. शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने नाबालिग की रिहाई
रोकने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद रविवार या उससे पहले
नाबालिग की रिहाई तय हो गई थी.
4. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ नाबालिग दोषी को सुधार
गृह से अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया है.
5. कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार नाबालिग का परिवार उसे
वापस लेने से हिचकिचा रहा है और नाबालिग भी जेल से बाहर
आने से डर रहा है.
नाबालिग के परिवार ने भी कड़ी सज़ा की मांग की थी .
6. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के मुताबिक दिसंबर 2012 में
बलात्कार के वक़्त नाबालिग दोषी लगभग 17 साल का था.
7. 28 जनवरी 2013 को अपने फ़ैसले में जेजेबी ने नाबालिग को
वयस्क मानकर मुक़दमा चलाने से इंकार कर दिया था. 31 अगस्त
2013 को नाबालिग को बलात्कार और क़त्ल का दोषी मानते
हुए तब के क़ानून के तहत अधिकतम तीन साल की सज़ा दी गई थी.
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