चेन्नै में आई भयंकर बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने
तमिलनाडु की मदद के लिए और एक हजार करोड़ रुपये की आर्थिक
सहायता देने की घोषणा की है
। पीएन ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता से मुलाकात की।
मोदी ने बाढ़ का हवाई सर्वे भी किया। मोदी ने कहा कि केंद्र
सरकार संकट की इस घड़ी में तमिलनाडु की जनता के साथ है।
सरकार की यह मदद पहले से दी गई 940 करोड़ की सहायता से अलग
है।
इस बीच मौसम विभाग ने चेन्नै में अगले 48 घंटों में भारी बारिश
की आशंका जाहिर की है। चेन्नै में 40 फीसदी से ज्यादा फोन
कनेक्शन काम नहीं कर रहे हैं। इस बीच वायुसेना ने चेन्नै में आई बाढ़
का हवाई सर्वेक्षण करना शुरू कर दिया है। शहरी विकास मंत्री
वेंकैया नायडू ने कहा कि इस पूरे मामले पर गृह सचिव निगरानी रख
रहे हैं और तमिलनाडु सरकार को हरसंभव मदद करने का आश्वासन
दिया गया है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में दिए बयान में कहा कि
तमिलनाडु बाढ़ से हालात बेहद खतरनाक हैं। राजनाथ सिंह ने कहा
कि बारिश ने 100 सालों का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम
विभाग ने अभी और बारिश होने की संभावना जताई है। कई
इलाकों में पानी ज्यादा भरने की वजह से बिजली काट दी गई है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि अब तक तमिलनाडु में बाढ़ के चलते 269,
आंध्र प्रदेश में 54 और पुद्दुचेरी में 2 लोगों की मौत हुई है। तमिलनाडु
में दवाइयों एवं खाद्य पदार्थों की कमी की कोई खबर नहीं है।
केंद्र ने 110 बोटों के साथ एनडीआरएफ की 30 टीमें भेजी हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई एक
टापू जैसी बना गई है और वह शहर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और
सड़कों से कट गया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में चेन्नई
सहित तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश एवं ओडिशा आदि में बाढ़ की
स्थिति से उत्पन्न हालात पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह बात
कही।
उन्होंने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि वहां राहत पहुंचाना
भी कठिन हो रहा है और शहर के टेलीफोन तथा मोबाइल फोन की
कनेक्टिविटी भी बहुत अधिक प्रभावित हुई है और बाढ़ के कारण
कई जगह बिजली भी काटनी पड़ी है। इस बीच छह दिसंबर तक के
लिए चेन्नै में एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा 50 से
ज्यादा ट्रेनों के रुट में बदलाव किया गया है। राजनाथ सिंह ने
कहा कि हमने आंध्र प्रदेश सरकार से भी बात की है और टीम को
भी नुकसान का आकलन करने के लिए भेजा जाएगा। गौरतलब है
कि चेन्नै में आई भारी बाढ़ के चलते कई संस्थान ठप हैं। यहां तक कि
टाइम्स ऑफ इंडिया और द हिंदू के भी तीन दिसंबर के संस्करण
प्रकाशित नहीं किए जा सके।
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