पाकिस्तान निवासी एजेंट एक साल से बरेली में रह रहा था
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भारतीय सेना के गोपनीय दस्तावेज और सूचनाएं भेजने वाले आईएसआई एजेंट को एसटीएफ ने शुक्रवार को मेरठ में कैंट स्टेशन के पास से दबोच लिया। मूल रूप से पाकिस्तान निवासी एजेंट एक साल से बरेली में रह रहा था। एजेंट के पास से सेना के गोपनीय दस्तावेजों के अलावा लैपटॉप, मोबाइल, सिम समेत कई चीजें बरामद की गई।
एसटीएफ ने थाना सदर बाजार पर केस दर्ज कराकर एजेंट पुलिस को सौंप दिया। एएसपी एसटीएफ शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से हमें आईएसआई के एजेंट के संबंध में जानकारी मिल रही थी।
शुक्रवार को सटीक सूचना पर सीओ एसटीएफ अनित कुमार के साथ कैंट स्टेशन के पास घेराबंदी कर आईएसआई एजेंट मोहम्मद इजाज उर्फ मोहम्मद कलाम पुत्र मोहम्मद इशहाक मूल निवासी तरामडी चौक इरफानाबाद, इस्लामाबाद पाकिस्तान को गिरफ्तार कर लिया गया। इजाज वर्तमान में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 457, दीवान खाना शाहाबाद बरेली में रह रहा था।
एएसपी ने बताया कि इजाज का पिता पाकिस्तान एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर में ड्राइवर था। वर्ष 2012 में इजाज का परिवार आईएसआई के संपर्क में आया था। आईएसआई ऑफिसर सलीम ने अपने संरक्षण में इजाज को प्रशिक्षित किया। जिसके बाद आईएसआई अधिकारियों ने उसे भारत भेजने के लिए तैयार किया। इजाज को भारत भेजने का विशेष मकसद वेस्ट यूपी और उत्तराखंड में सैन्य गतिविधियों और अहम दस्तावेजों की समय-समय पर सूचना लेना था।
कराची से वाया ढाका भारत आया था
पूछताछ में इजाज ने बताया कि पाकिस्तानी पासपोर्ट पर उसे कराची से ढाका भेजा गया थ। जहां उसे प्रोबीन नाम के व्यक्ति ने उसका पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज ले लिए। प्रोबीन ने ही इजाज को नदी के रास्ते बांग्लादेश से भारत भेजा। 9 फरवरी 2013 को उसे मोहम्मद इरशाद निवासी मटिया बुर्ज साउथ 24 परगना पश्चिम बंगाल के घर पर छोड़ दिया गया था।
इरशाद और उसके लड़के अशफाक ने अपने एक रिश्तेदार जहांगीर निवासी कसाईपाड़ा कोलकाता के माध्यम से इजाज के जूनियर हाईस्कूल के फर्जी प्रमाणपत्र, फर्जी वोटर कार्ड, राशन कार्ड बनवाते हुए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का खाता खुलवा दिया। वहीं पर एजेंट इजाज ने रईस नाम के व्यक्ति के साथ फोटो और वीडियोग्राफी का काम किया था। जहां उसकी मुलाकात आसमां पुत्री शमशेर से कराई गई। अक्तूबर 2014 को दोनों का निकाह करा दिया गया। इसके बाद दो महीने तक इजाज आरा बिहार में रहा और फिर दिसंबर 2014 को अपने विशेष मिशन के तहत बरेली आ गया।
नाम छिपाकर बरेली पहुंचा इजाज
बरेली पहुंचने से पहले इजाज ने अपनी पहचान छुपाने के लिए मूल नाम को अपनी जिंदगी से हटा दिया। बरेली में वह जिसके भी संपर्क में आया, उसे अपना नाम मोहम्मद कलाम निवासी बिहार बताया। बरेली में उसने फोटो और वीडियोग्राफी करने वालों के साथ वीडियो मिक्सिंग और एडिटिंग का काम शुरू कर दिया।
इसी दौरान किसी दलाल के माध्यम से मोहम्मद कलाम के नाम पर शाहबाद बरेली के पते पर भारतीय पहचान वाला आधार कार्ड भी फर्जी तरीके से बनवा लिया। आईएसआई ऑफिसर सलीम ने इजाज को विशेष तौर पर वेस्ट यूपी और उत्तराखंड की सैन्य छावनियों, सैन्य यूनिटों के मूवमेंट, सैन्य दस्तावेजों और गतिविधियों की जानकारी भेजने की जिम्मेदारी दी थी।
आईएसआई को भेजा मिराज की इमरजेंसी लैंडिंग का वीडियो
इजाज ने बताया कि बीते दिनों नोएडा यमुना एक्सप्रेस-वे पर की गई मिराज की इमरजेंसी लैंडिंग का वीडियो उसने आईएसआई को भेजा था। इसके अलावा उसने बरेली कैंट में स्थित विभिन्न सैन्य इकाईयों से संबंधित जानकारी भी पाक एजेंसी को भेजी थी। साथ ही उसने बरेली एयरबेस और सुखोई-30 फाइटर जेट से संबंधित जानकारी, रायवाला हरिद्वार कैंट की एक यूनिट के मूवमेंट की जानकारी और पिथौरागढ़ स्थित माउंटेन ब्रिगेड से संबंधित जानकारी आईएसआई अधिकारियों को भेज चुका है। इस कार्य के बदले आईएसआई इजाज को अब तक 5.8 लाख रुपये का भुगतान कर चुकी है। पाकिस्तान स्थित उसके परिवार को हर महीने 50 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है।
ये हुई बरामदगी
भारतीय सेना के गोपनीय दस्तावेज
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एक एटीएम कार्ड
एजेंट के नादरा कार्ड की फोटो कॉपी (पाकिस्तानी पहचान पत्र)
एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड (टाटा डोकोमो), एक लैपटॉप
एक पेन ड्राइव
पश्चिम बंगाल में बने फर्जी वोटर आईडी कार्ड की फोटो कॉपी
बरेली पते पर बना फर्जी आधार कार्ड
दिल्ली मेट्रो का ट्रेवलर कार्ड
भारतीय 463 रुपये, नेपाल का 10 रुपये का नोट, सऊदी रियाल का एक सिक्का
पाक के किस आईएसआई एजेंट से मिला था इजाज
आईएसआई एजेंट इजाज ने अपनी गिरफ्तारी के साथ ही बड़ा सवाल छोड़ दिया है। एसटीएफ के अफसरों को इजाज ने अभी तक उस एजेंट का नाम नहीं बताया है, जिसने उसे अहम सैन्य दस्तावेज सौंपे थे। एसटीएफ और इंटेलीजेंस के अफसर उससे यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर मेरठ में वह कौन आईएसआई का एजेंट है जो न केवल सेना के गोपनीय दस्तावेज और नक्शों को जुटा रहा है, बल्कि उसे पाक तक आसानी से पहुंचवा भी रहा है। इजाज वेस्ट यूपी और उत्तराखंड की छावनियों की कई अहम जानकारियां पाक तक पहुंचाने में कामयाब रहा। जोकि सेना के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
एसटीएफ सीओ अनित कुमार की पूछताछ में मोहम्मद इजाज ने बताया था कि वह आईएसआई के एसपी सलीम के निर्देश पर बरेली से मेरठ आया था। उसे मिलने वाले शख्स की पहचान नहीं बताई गई थी। उससे कहा गया था कि उक्त स्थान पर वह शख्स उसे खुद ही पहचान लेगा। उस शख्स से मिलकर इजाज ने सैन्य क्षेत्र के अहम दस्तावेज और गोपनीय नक्शे लिए थे और फिर वह कैंट स्टेशन जा रहा था। जहां उसे रास्ते में दोपहर करीब डेढ़ बजे दबोच लिया गया। वह शख्स कौन था और उसे किसके माध्यम से सेना के दस्तावेज मिले। क्या वह सेना का कोई भेदिया है, जो आईएसआई के लिए काम करते हुए देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहा है। ऐसे बड़े सवालों का अफसर जवाब तलाश रहे हैं।
आसान नहीं ऐसी घुसपैठ
खुफिया एजेंसियों की मानें तो जो सैन्य दस्तावेज एवं नक्शे मोहम्मद इजाज के पास से मिले हैं। वह काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसे दस्तावेजों और नक्शों को हासिल करना आसान नहीं है। ऐसे में निश्चित तौर पर आईएसआई एजेंट ने सेना ने अपनी पैठ बना रखी है। उन्हीं के जरिए गोपनीय दस्तावेज पाक में बैठे आकाओं तक पहुंच रहे हैं।
कई अहम सूचनाएं पहुंचीं पाक
एसटीएफ अधिकारियों की मानें तो पूछताछ में इजाज ने खुलासा किया कि बीते एक साल में उसने वेस्ट यूपी और उत्तराखंड की छावनियों की कई अहम सूचनाएं पाक में बैठे आईएसआई अफसरों को उपलब्ध कराई। इजाज ने खुलासा कि उसने ऑपरेशन यूनिट के संबंध में दस्तावेज के अलावा कई छावनियों के नक्शों की जानकारी भी आईएसआई को दी हैं।
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फेल साबित हुई एमआई
इजाज एक साल से बरेली में न सिर्फ रह रहा था, बल्कि वह विभिन्न छावनियों में घूमकर सैन्य गतिविधियों पर नजर रख रहा था। इस संबंध में वह मथुरा, बरेली, सहारनपुर, लैंसडाउन, रुड़की, रानीखेत समेत वेस्ट यूपी और उत्तराखंड की छावनियों का दौरा करता रहा, लेकिन सैन्य खुफिया एजेंसी पूरी तरह फेल रहीं। खुफिया एजेंसी को इजाज के संबंध में कोई जानकारी नहीं थी।
इजाज की गिरफ्तारी से सेना सतर्क
इजाज की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद पश्चिम यूपी सब एरिया मुख्यालय से लेकर सेंट्रल कमांड की खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई। इजाज के संबंध में सूचनाएं और उससे मिले दस्तावेज के बारे में सेना में चर्चा रही।
आसमा पत्नी या इजाज गैंग की मेंबर
आईएसआई एजेंट इजाज स्काइप और जीमेल के जरिए पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से संपर्क करता था। इसके लिए उसका समय भी निर्धारित था। इसी दौरान वह अपनी गतिविधियों की जानकारी देता था तो आईएसआई अधिकारी उसे टास्क दिया करते थे। एसटीएफ अफसरों द्वारा की गई गहन पूछताछ में आईएसआई एजेंट मोहम्मद इजाज ने बताया कि गोपनीय सूचनाओं के लिए और अन्य जानकारी देने के लिए उसने गूगल पर गुड़िया, नितिन, सचिन आदि नाम से चार आईडी बनाई हुईं थीं। इन्हीं के जरिये वह पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के एसपी सलीम के संपर्क में रहता था। वह रात में 11 बजे से दो बजे के बीच सलीम से संपर्क करता था। जीमेल एकाउंट के अलावा वह स्काइप के जरिये भी सलीम के संपर्क में रहता था। स्काइप पर बात करने के लिए सलीम हर बार उसे अलग पासवर्ड देता था, जिसके जरिए वह संपर्क करता था।
इजाज का बरेली का घर होगा सर्च
सीओ एसटीएफ अनित कुमार ने बताया कि मोहम्मद इजाज के बरेली स्थित घर पर सर्च के एक टीम भेज दी गई है। जो उसके घर की गहन तलाशी लेने के साथ ही वहां मौजूद दस्तावेजों को कब्जे में लेगी। इसके अलावा एक टीम कोलकाता भी भेजी जाएगी।
इजाज से पूछताछ में उसके तीन खास साथियों के नाम सामने आए हैं। इनमें प्रोबीन, इरशाद और रईस के नाम शामिल हैं। एसटीएफ हालांकि तीनों आरोपियों की ही तलाश में जुट गई है पर उसे वेस्ट बंगाल में प्रोबीच हाथ में आने की उम्मीद है। बाकी दोनों की तलाश में एटीएस भी लगाई गई है।
एटीएस, एमआई, आईबी कर रही पूछताछ
हत्थे चढ़े आईएसआई एजेंट मोहम्मद इजाज से एसटीएफ के अलावा केंद्रीय खुफिया एज़ेंसी आईबी, आर्मी इंटेलीजेंस और एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाएड के अधिकारी भी पूछताछ कर रहे हैं। उससे इस बात की जानकारी की जा रही है कि वह अपने आकाओं को और कौन सी गोपनीय सूचना मुहैया करा चुका है।
आसमा पत्नी या एजाज गैंग की मेंबर
खुद को कलाम की पत्नी बताने वाली बिहार की आसमा भी बहुत कुछ छिपा रही है। मोहल्ले वालों के सवालों का भी वह ठीक से जवाब नहीं दे पाई। इस पर कई लोगों ने तो उसे डांट भी दिया। उसकी साली शहनाज चुप्पी साधे है। इससे सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आसमा आईएसआई के एजेंट कलाम की पत्नी है या सहयोगी। खुफिया एजेंसियां आसमा और शहनाज से भी पूछताछ करेंगी।
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कलाम के पकड़े जाने के बाद गली में रहने वाले लोगों से घिरी आसमा की बातों में भी सच्चाई नहीं थी। वह भी तमाम बातें छिपा रही थी। पहले तो पुलिस और मीडिया कर्मियों से आसमा कुछ बताने को राजी ही नहीं थी। इसके बाद कुछ बताने को तैयार हुई तो कन्फ्यूज करने लगी। कलाम को चचेरा भाई बताकर आसमा ने उसका बचाव करने की कोशिश की, लेकिन बाद में वह अपनी ही बातों में फंसती गई। आसमा और शहनाज को भी खुफिया एंजेसियों ने वॉच करना शुरू कर दिया है। उनके बारे में जानकारियां जुटानी शुरू कर दी हैं। मेरठ एसटीएफ दोनों से पूछताछ करने के लिए आ रही है।
कलाम के साथियों ने यूपी छोड़ दिया
एसटीएफ मेरठ के कलाम को पकड़ लेने की सूचना फैलते ही उसके उसके साले समेत चार साथियों ने यूपी छोड़ दिया है। उसकी लोकेशन दूसरे प्रदेश में मिल रही थी। एसटीएफ उनको पकड़ने के लिए जुटी है। उनके पकड़े जाने के बाद कुछ और जानकारियां मिलने की उम्मीद है। एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक कलाम का सबसे ज्यादा मूवमेंट कैंट इलाके में ही मिला है। उसने इस इलाके के कई युवकों से दोस्ती करके उनका इस्तेमाल किया है। कलाम फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का माहिर है। खुफिया एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि वह सेना के कार्यक्रमों में तो फोटोग्राफी करने के बहाने नहीं घुसा है। कार्यक्रमों में आया है तो उसके आने का माध्यम कौन रहा। कलाम को पाकिस्तानी खुफिया एंजेंसी के अफसरों ने उसे टारगेट ही सेना की सूचनाएं इकट्ठा करके भेजने का दिया था। इसलिए उसकी हमेशा यही कोशिश रहती थी कि सेना के लोगों से जुड़ने के लिए रास्ता बनाने के लिए लगा रहता था। बरेली में भी उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों का पता लगाया जा रहा है।
एसटीएफ की बरेली इकाई भी कलाम के बारे में जानकारी जुटा रही है। एलआईयू, आईबी और आर्मी इंटेलीजेंस भी कलाम का सिजरा खंगालने में लगी हुई है। बताया यह जा रहा है कि आसमा के भाई ने ही कलाम को बिहार से बरेली में शिफ्ट कराया था। वह पहले से बरेली से जुड़ा रहा है। एसटीएफ को कलाम के साले समेत चार और संदिग्धों की तलाश है, लेकिन यह चारों लोग यूपी ही छोड़ चुके हैं। लगातार खुफिया एजेंसियां उनके ठिकाने का पता लगाने में लगी हैं।
कोलकाता, बिहार फिर बरेली
एसटीएफ से सूत्रों के मुताबिक� एजाज उर्फ कलाम करांची से पासपोर्ट के जरिए भारत आया था। यहां से पश्चिमी बंगाल के कोलकाता में उसने अपना ठिकाना बनाया। यहां से बिहार जाने के बाद उसने आसमा से शादी कर ली। बरेली में वीडियोग्राफी को रोजीरोटी का जरिया बनाकर उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए काम करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान को सूचना भेजने के लिए ईमेल और स्काइप का इस्तेमाल करता था।
चंद महीनों में ठिकाना बदल देता था इजाज
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए नाम बदलकर भारतीय सेना की जासूसी करने वाला मोहल्ला इजाज उर्फ कमाल बेहद शातिर है। वह खुफिया एजेंसियों के डर से चंद महीनों में ही ठिकाना बदल देता था। कलाम के पकड़े जाने की खबर मिलने के बाद से खुफिया एजेंसियां उसके बारे में जानकारी जुटाने में लग गई हैं। सेना इंटेलीजेंस ने भी मोहल्ला शाहबाद में मुखबिरों का जाल बिछा दिया है।
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थाना प्रेमनगर की शाहबाद पुलिस चौकी से 100 कदम दूरी पर दीवानखाना चौराहे पर मैरिजन शादी हाल से सामने एसोसिएट प्रोफेसर अब्दुल वाजिद जावेद वाली गली में पुराने से मकान की दूसरी मंजिल पर 15 बाई दस के कमरे में करीब चार महीने से किराए पर रह रहा था। यहां उसके साथ उसकी पत्नी आसमा बेगम और साली शहनाज भी रहती थी।
आसमा के मुताबिक इससे पहले वह कांग्रेस नेता स्वर्गीय तौसीफ अहमद उर्फ गुल्लू के मकान में किराए पर रहता थे। यहां से पहले सिटी स्टेशन के पास कमाल किराए पर रहा है। कलाम ने सबसे पहले जंक्शन पर रुखसार के मकान को ठिकाना बनाया था। इसके अलावा कलाम ने और भी कई घरों को अपना ठिकाना बनाया है। कलाम आसपास के लोगों से ज्यादा वास्ता नहीं रखता था। सुबह वीडियो कैमरा लेकर घर से निकलने के बाद शाम को ही घर में घुसता था।
इजाज नाम सुनकर पत्नी भी चौंक गई
कलाम की पत्नी आसमा भी अपने पति का नाम एजाज सुनकर चौंक गई। उसका कहना था कि तीन साल पहले उसकी कलाम के साथ शादी हुई है। एजाज रिश्ते में उसका चचेरा भाई लगता है। आसमा गर्भवती है। उसका कहना है कि वह बिहार के आरा जिले के अजीमाबाद गांव की रहने वाली है। कलाम भी आरा जिले से संदेश गांव का रहने वाला है।
आसमा का कहना है कि शुक्रवार को उसके पकड़े जाने की कुछ जानकारी नहीं है। पता नहीं पुलिस वाले उसके पति का नाम एजाज कहां से बता रहे हैं। वह तो सिर्फ इतना जानती है कि कलाम को फंसाया जा रहा है। कलाम शुक्रवार को बिहार जाने की बात कहकर घर से गए थे। दोपहर करीब 2.30 बजे तक उसकी कलाम के बात होती रही। उनका कहना था कि रात दस बजे तक घर पहुंच जाऊंगा। इसके बाद से उसके पति का मोबाइल नंबर नहीं मिल रहा है।
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कलाम को वीडियोग्राफर ताहिर खान वारसी ने वसीम उल्लाह के घर किराए पर कमरा दिलाया था। देर शाम को क लाम की गिरफ्तारी की सूचना पर पहले पुलिस और इसके बाद मीडिया कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर सवालों की बौछार लगाई तो वसीम उल्लाह की पत्नी खिसिया गईं। ताहिर का घर भी उसी गली में जहां कलाम किराए के मकान में रहता था। इसी बीच पत्नी के सूचना देने पर ताहिर खान बाइक से उतरकर भीड़ के बीच पहुंचे तो कलाम की मकान मालकिन उन पर सवार हो गई। उनका कहना था कि मैंने कहा था कि बिना आईडी के किसी को मकान किराए पर नहीं देंगे, लेकिन ताहिर खान ने उन्हें बिना आईडी के ही मकान किराए पर दिला दिया। कलाम के पकड़े जाने के बाद से ही लोगों ने उन्हें परेशान कर दिया है।