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दबाव GST का, सो मोदी ने 'हाथ' बढ़ाया दोस्ती का

लोकसभा में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा के दौरान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तेवर पूरी तरह से बदले हुए नजर आए।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के तीखे भाषण के बाद माना
जा रहा था कि पीएम मोदी भी पलटवार कर सकते हैं, लेकिन
विपक्ष से पंगा न लेते हुए मोदी पूरी तरह से नरम नजर आए। अपने
भाषण में उन्होंने सोनिया गांधी का नाम लिया, लेकिन
सराहना के शब्दों के साथ।
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जीएसटी बिल पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम
मनमोहन सिंह संग बैठक से ठीक पहले दिए गए मोदी के इस भाषण
को कांग्रेस की ओर 'फ्रेेंड रिक्वेस्ट' भेजने के तौर पर देखा जा रहा
है। बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र में वस्तु एवं सेवा कर
(जीएसटी) विधेयक सहित महत्वपूर्ण विधेयकों पर सरकार कांग्रेस
के सहयोग के आसरे खड़ी है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर
की 125 वीं जयंती के आयोजन के तहत भारत के संविधान के लिए
प्रतिबद्धता पर चर्चा पर बेहद संतुलित भाषण दिया। मोदी देश
को आगे बढ़ाने में सभी सरकारों के योगदान का जिक्र किया।
मोदी ने कहा कि उन्होंने लालकिले से एक बात कही थी कि इस
देश में जितनी सरकारें बनी हैं, जितने पीएम बने हैं, सभी के योगदान
से यह देश आगे बढ़ा है।
मोदी ने कहा, 'यह देश कइयों की तपस्या से आगे बढ़ा है। शिकायत
यह हो सकती है कि कहीं अपेक्षा से कम हुआ। कोई यह नहीं कह
सकता है कि पूर्व की सरकारों ने कुछ नहीं किया है।'