भाजपा के चार शीर्ष नेताओं द्वारा पार्टी के मौजूदा नेतृत्व पर किए गए 'लेटर बम' हमले का भाजपा नेताओं ने माकूल जवाब दिया है। पार्टी महासचिव राममाधव ने दो टूक कहा कि जनसंघ से लेकर लंबे समय तक हम चुनाव जीते कम हैं, हारे ज्यादा हैं। वहीं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हम अटल-आडवाणी युग में भी कई चुनाव हारे हैं।
हार से बहुत सीखा
राम माधव ने यशवंत सिन्हा, लालकृृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व शांता कुमार के साझा बयान पर प्रतिक्रिया में कहा कि सामूहिक जिम्मेदारी की परंपरा काफी पुरानी है। कोई भी अपनी जिम्मेदारी से बचना नहीं चाहता। इस हार से हमने बहुत सीखा है। एक साल में भाजपा ने कई चुनाव जीते हैं। हर चुनाव एक अलग चुनाव होता है।
मोदी-शाह जिम्मेदार नहीं
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कहा है कि बिहार की हार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की हार नहीं है। बकौल गडकरी, राजनीति में हार-जीत चलती रहती है। इस हार के लिए कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार नहीं है। भागवत के बयान के कारण हार की बात भी गलत है।
मेरी भूमिका नहीं : गोविंदाचार्य
उधर भाजपा के पूर्व नेता गोविंदाचार्य ने बुजुर्ग नेताओं के पत्र मामले से खुद को दूर कर लिया। उन्होंने कहा कि मंगलवार रात उन्होंने मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की थी, लेकिन बयान तैयार करने या उसे जारी करने में मेरी कोई भूमिका नहीं है।
बयान वापस नहीं लिया तो आडवाणी के घर तक मार्च
उधर बलिया के सांसद भरत सिंह ने धमकी दी है कि यदि आडवाणी ने बयान वापस नहीं लिया तो वह उनके घर तक मार्च निकालेंगे।
भगवान रक्षा करे : शत्रुघ्न सिन्हा
बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा ने लेटर बम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि मेरे गुर, दार्शनिक व प्रेरक व उनके 4 साथियों के लिए यह कठिन समय है। पार्टी में रिले रेस शुरू हो गई है, गैंग ऑफ 4, बैंग ऑन टारगेट। भगवान उनकी और पार्टी की रक्षा करे।
हर क्रिया की बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया : नीतीश
भगवा गठबंधन ने बिहार में जबर्दस्त प्रचार किया था, इसलिए हार के बाद कठोर प्रतिक्रिया स्वाभाविक है। भाजपा के बुजुर्ग नेताओं के कड़े बयान पर नीतीश ने न्यूटन का नियम बताया और कहा कि हर क्रिया की बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। चूंकि भाजपा ने बिहार चुनाव को बहुत प्रचारित किया और अभियान को हाई प्रोफाइल बना दिया। इसलिए उसकी प्रतिक्रिया भी उसी अनुपात में होगी।