मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के वक्त भारत किस दर्द से गुजरा
था, दुनिया को यह पैरिस में हुए भयावह हमले के बाद समझ आ रहा है।
ब्रिटिश अखबार 'इंडिपेंडेंट' ने लिखा है कि पैरिस के आतंकवादी हमले के
बाद समझ में आया है कि मुंबई का आतंकवादी हमला कैसा रहा होगा।
ब्लॉगः पैरिस ने बताया, धर्म हत्यारा किसने बनाया
अखबार ने लिखा है, 'यह युद्ध है, जिसमें हम सभी समान रूप से खतरे
में हैं।' 'इंडिपेंडेंट' ने 'पैरिस अटैक : इट इज़ वॉर, बट नॉट ऐज़ वी नो इट'
शीर्षक वाले संपादकीय में सोमवार को लिखा है कि 'निष्क्रिय बने
रहना अब संभव नहीं है।'
संपादकीय में कहा गया है, 'भारत के 2008 के अंधकार भरे दिन के बाद से
ही ब्रिटेन में सुरक्षा एजेंसियां मुंबई जैसे खूंखार आंतकवादी
हमले के खतरे के प्रति सचेत रही हैं। अब, पैरिस हमले के बाद हमें
पता चला है कि मुंबई हमला कैसा रहा होगा। यह एक तरह का युद्ध है जिसमें हम
शामिल हैं। हम बगैर सामूहिक प्रयास के इससे निकल नहीं सकते।'
कितना भयानक था हमला, आपको दिखाएंगी ये तस्वीरें
नवंबर 2008 में मुंबई में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में
160 लोग मारे गए थे। 'द इंडिपेंडेंट' ने लिखा है, 'जानकारियां इस नग्न आशंका को
पुष्ट करती हैं कि हमला किसी भी वक्त हो सकता
है, किसी भी दिशा से हो सकता है...और यह कि ये हत्यारे
चाहते हैं कि वे 'शहीद' होने के लिए इसमें मर जाएं।'
अखबार ने लिखा है, 'रासायनिक और जैविक हमलों को छोड़ दिया जाए तो इससे अधिक
डरावना और कुछ नहीं हो सकता।'
अखबार ने लिखा है, 'आज एक साथ खड़े होना अनिवार्य आवश्यकता है। सबक
लीजिए : हम एक ऐसे दुश्मन के साथ निर्दयी संघर्ष में
आकंठ डूबे हुए हैं, जिसकी रणनीतिक शक्ति बहुत ज्यादा
है। जिसके पास काफी धन के स्रोत हैं, एक व्यापक गृह भूभाग है,
हजारों लड़ाके हैं...'
अखबार ने लिखा है कि फ्रांस ऐसे हमलों का कुछ ज्यादा शिकार हो रहा है।
इसकी वजहों पर बहस हो रही है। लेकिन, इस दुश्मन के
साथ जो भी संघर्ष में लगे हैं उन सभी पर ऐसे प्रतिशोध का
खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में मजबूत इरादों वाला सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय
जवाब अनिवार्य हो गया है।
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