बिहार विधानसभा चुनाव में अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले समाचार-पत्रों में बीजेपी की ओर से दिए गए गाय वाले विज्ञापन के बाद चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाया है। चुनाव आयोग ने बिहार में सभी
राजनीतिक दलों के लिए आदेश जारी किया है कि आयोग की अनुमति के बिना गुरुवार को समाचार-पत्रों में कोई विज्ञापन नहीं छपेगा।
गौरतलब है कि बीजेपी की ओर से दिए गए
विज्ञापन में गाय के मुद्दे पर बिहार के सीएम
नीतीश कुमार और उनके सहयोगी नेता लालू यादव पर
निशाना साधा गया। इस विरोध में महागठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग में विज्ञापन की शिकायत की। महागठबंधन की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर दिया है कि अब गुरुवार
को आयोग की अनुमति के बिना कोई भी विज्ञापन अखबारों में नहीं छपेगा।
बीजेपी के इस विज्ञापन में कहा गया, 'मुख्यमंत्री
जी, आपके साथी (लालू प्रसाद) हर भारतीय
की पू्ज्य गाय का अपमान बार-बार करते रहे और आप चुप रहे।' विज्ञापन में कहा गया है कि वोट बैंक की राजनीति बंद कीजिए और जवाब दीजिए, क्या आप अपने साथियों के इन बयानों से सहमत हैं? विज्ञापन में लालू सहित आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश
प्रसाद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के गोमांस को लेकर की गईं टिप्पणियों का भी जिक्र है।
गौरतलब है कि गुरुवार (5 नवंबर) को बिहार में अंतिम चरण का मतदान होना है और 8 नवंबर को मतगणना की जाएगी। चुनाव आयोग के इस आदेश से साफ संदेश मिल रहा है कि अंतिम चरण के मतदान से पूर्व चुनाव आयोग कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है। अब देखना यह है कि अपने
विज्ञापनों के लिए चुनावी पार्टियां आयोग को किस तरह भरोसे में लेती हैं।
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