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महागठबंधन के नेता बने नीतीश, 20 को लेंगे मुख्‍यमंत्री पद की शपथ

महागठबंधन के सभी विधायकों और पार्षदों की मौजूदगी में शनिवार को नीतीश कुमार को एक बार फिर दोनों सदन और महागठबंधन का नेता चुन लिया गया। इसके बाद नीतीश ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। अब वे 20 नवंबर को गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

बिहार विधान परिषद के एनेक्सी भवन में हुई महागठबंधन के विधायकों व पार्षदों की बैठक में नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने रखा। उनके प्रस्ताव का कांग्रेस के बिहार प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सीपी जोशी ने समर्थन किया। इसके बाद विधायकों और पार्षदों ने ताली बजाकर नीतीश कुमार के नाम पर अपनी सहमति दी।

नीतीश ने कहा, गुमान नहीं काम का वक्त

नेता चुने के जाने के बाद विधायक और पार्षदों को संबोधित करते हुए नीतीश की पहली हिदायत रही कि यह वक्त जीत के गुमान का नहीं, बल्कि काम करने का है। जनता ने अपार समर्थन काम करने के लिए दिया है।

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की जीत धर्मनिरपेक्ष ताकतों और लोकतंत्र की जीत है। महागठबंधन के प्रत्याशियों और नेताओं ने पूरे चुनाव के दौरान बगैर विचलित हुए जिस प्रकार से एकजुटता प्रदर्शित की, जनता ने भी उसी एकजुटता के साथ महागठबंधन प्रत्याशियों के नाम पर अपनी मुहर लगाई। उन्होंने कहा सबसे ज्यादा वोट गांव की जनता ने दिए हैं, इसलिए जनता के प्रतिनिधि बनकर गांव जाएं और विकास के कार्यों में जी जान से लग जाएं।

पीएम मोदी ने तोड़ीं सारी मर्यादाएं : अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री की कार्यशैली पर सवाल उठाए और कहा कि सक्रिय राजनीति में रहते हुए उन्हें लंबा वक्त हो गया है, लेकिन बिहार के चुनाव में एक प्रधानमंत्री ने जिस प्रकार से राजनीतिक मर्यादा का उल्लंघन किया और राजनीतिक नैतिकता का त्याग किया वैसा आज तक कभी नहीं देखा गया। परन्तु जनता ने ऐसे लोगों का उनकी करनी का फल दिया। उनकी तमाम कोशियाों को बिहार की जनता ने यहां कामयाब नहीं होने दिया।

नीतीश ने कहा, महागठबंधन की जीत पर आज सबसे ज्यादा फोन कॉल गुजरात से ही आ रहे हैं। इसके अलावा अरब और अमेरिका से भी फोन कॉल की कोई कमी नहीं। यह संकेत है कि बिहार और पूरा देश चाहता है कि बिहार में विकास हो और अब हमें उनकी आशाओं और आकांक्षाओं के हिसाब से काम करना होगा।

लालू बोले : जनता चाहती विकास

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भीे अपने संबोधन में विधायकों और पार्षदों से कहा कि वे अपनी जीत का गुमान करने के बदले काम करने में विश्वास करें। जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम को महज इस कारण से नकार दिया, क्योंकि वह राजद-जदयू और कांग्रेस के नेतृत्व में बिहार का विकास चाहती है।

उन्होंने कहा कि वे जनता के मिजाज को पहले ही भांप गए थे। इसलिए वे बार-बार कह रहे थे कि महागठबंधन को कम से कम 190 सीटें मिलेंगी और उनकी भविष्यवाणी एक प्रकार से सच भी रही।

वादे पूरे करना है लक्ष्य : लालू ने कहा कि जीत के बाद आराम करने का वक्त नहीं होता है। जनता से किए गए वादों को पूरा करना महागठबंधन का लक्ष्य होना चाहिए और महागठबंधन का जो साझा घोषणा पत्र है, काम उसके अनुरूप ही होंगे।

शरद-सीपी ने भी किया संबोधित

सभा की अध्यक्षता जदयू के बिहार अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने की। जबकि सभा को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, कांग्रेस के बिहार प्रभारी डॉ. सीपी जोशी ने भी संबोधित किया।

राजभवन जाकर पेश किया सरकार बनाने का दावा

महाबठबंधन की इस बैठक के बाद नीतीश कुमार जदयू अध्यक्ष शरद यादव, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, सीपी जोशी व केसी त्यागी के साथ राजभवन गए। वहां उन्होंने राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किश, जिसे राज्यपाल ने मान लिया। अब नीतीश कुमार 20 नवंबर को अपराह्न दो बजे गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

जदयू ने नीतीश को चुना नेता

इससे पहले आज जदयू विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर हुई। इसमें जदयू के विधायक दल के नेता के रूप में नीतीश कुमार को निर्वाचित किया गया था। बैठक में जदयू नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव के प्रस्ताव पर नवनिर्वाचित विधायकों ने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुन लिया। इसके बाद नीतीश कुमार ने विधायकों को धन्यवाद दिया।

राजद व कांग्रेस ने की नाम की सिफारिश

आज कांग्रेस की बैठक में भी नीतीश को महागठबंधन का नेता बनाए जाने पर सहमति बनी। ज्ञात हो कि महागठबंधन के घटक दल राजद ने इसके पहले ही नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुनने की सिफारिश कर दी है।