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बिना किसी रहम के पलटवार करेगा फ्रांस

फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश में हुए सबसे घातक हमले को अंजाम देने के लिए इस्लामिक स्टेट संगठन को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही, उन्होंने इसे युद्ध की गतिविधि करार देते हुए बगैर किसी रहम के पलटवार करने का संकल्प लिया।

ओलोंद ने शनिवार को कहा कि बीती रात पेरिस कैफे में हुई गोलीबारी में, फ्रांस के राष्ट्रीय स्टेडियम के पास आत्मघाती हमले में और एक सभागार में बंधकों के कत्लेआम में कम से कम 127 लोग मारे गए।

अपनी सरकार की प्रतिक्रिया की योजना बनाने के लिए एक आपात सुरक्षा बैठक के बाद ओलांद ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की और देश की सुरक्षा को इसके उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया।

ओलोंद ने फ्रांस के खिलाफ नरसंहार के लिए आतंकी सेना, इस्लमिक स्टेट संगठन (जिहादी संगठन) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसे उन मूल्यों पर हमला बताया जिसकी रक्षा फ्रांस दुनिया भर में करता है। उन्होंने इसे एक स्वतंत्र देश के खिलाफ बताया, जिसका मतलब पूरा ग्रह है।

जैसा कि उन्होंने बताया कि फ्रांस की आतंकवाद रोधी पुलिस ने हमलावरों के संभावित सहयोगियों की पहचान के लिए काम किया है। हमलावरों की राष्ट्रीयता, उनके मंसूबे, यहां तक कि उनकी सटीक संख्या रहस्य बने हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सात आत्मघाती हमलों में आठ का मरना फ्रांस में एक नयी आतंकी तरकीब है।

विश्व के नेताओं ने सहानुभूति और रोष जताया है। न्यूयार्क पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है और दुनिया भर के लोगों ने फ्रांस में अपने मित्रों और चहेतों से संपर्क किया है। इस हिंसा ने लाखों पर्यटकों की सुरक्षा के बारे में सवाल खड़ा कर दिया है जो पेरिस आते हैं। यह जगमगाता शहर नियमित रूप से वैश्विक कार्यक्रमों की मेजबानी करता है। वहां व्यवस्था बहाल करने की कोशिश में पुलिस की मदद के लिए सैनिकों को तैनात किया गया है।

इसी साल जनवरी में यहां व्यंग्य पत्रिका ‘शार्नी हेब्दो’ के दफ्तर और एक यहूदी सुपरमार्केट पर हमला किया गया किया था जिनमें 17 लोग मारे गए थे। अगस्त महीने में बड़ा हमला उस वक्त टल गया था जब एक हाई-स्पीड ट्रेन से एक बंदूकधारी को पकडकर हमला विफल किया गया था। पेरिस में कल हुए हमलों के संदर्भ में आज सुबह तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या कोई बंदूकधारी अब भी फरार है। पुलिस कई स्थानों की वीडियो फुटेज खंगाल रही है।

हमलों के बाद पेरिस में सभी खेल आयोजन रद्द कर दिए गये तथा संग्रहालयों और स्वीमिंग पूल जैसे स्थानों पर लोगों को पहुंचने से रोका गया है। स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। पेरिस के पुलिस प्रमुख माकइल कादोत ने कहा कि पेरिस और आसपास के इलाकों में गुरूवार तक के लिए प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है।

राष्ट्रपति ओलोंद खुद इस जघन्य हमले की जद में आ गए थे जब वह उस स्टेडियम में थे जिसके निकट आत्मघाती हमलावरों ने हमला किया। स्टेडियम से ओलोंद को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यहां फ्रांस और जर्मनी के बीच मैत्री फुटबाल मैच चल रहा था। कंसर्ट हॉल बाताक्लां में सबसे भयावह हमला हुआ जहां 1,000 से अधिक प्रशंसक जमा थे। यहां ‘इगल्स ऑफ डेथ मेटल’ बैंड का कार्यक्रम होने वाला था।

आत्मघाती बेल्ट पहने चार बंदूकधारियों ने यहां हमला किया और भीड़ पर गोलियां बरसाईं। हमलावरों के पास अत्याधुनिक हथियार थे।

हॉल के अंदर मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। लोग घायलों अथवा लाशों के उपर से भागने लगे या फिर छिपने की कोशिश करने लगे। आतंकवादियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया और फिर उनकी हत्या कर दी।

भारतीय समयानुसार आज तड़के सुबह पांच बजे तीन आतंकवादियों ने उस वक्त खुद को उड़ा लिया जब आतंकवाद निरोधक पुलिस दस्ता वहां पहुंचा। चौथे आतंकवादी को मार गिराया गया।

बाउलेवर्द वोल्तेयर के निकट एक और हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। आसपास के कई दूसरे रेस्तरां और मनोरंजन स्थलों को निशाना बनाया गया। ओलोंद के कार्यालय ने कहा है कि पेरिस में पुलिस बल के साथ 1,500 सैनिकों को भी तैनात किया गया है।

ओलोंद ने आपातकाल की घोषणा की और कहा कि वह देश की सीमाओं को बंद कर रहे हैं। अधिकारियों ने बाद में बताया कि वे सीमाओं पर केवल दोबारा प्रतिबंध लगा रहे हैं जिन्हें 1980 में यूरोप की ओर से मुक्त-यात्रा क्षेत्र बनाने के बाद हटा दिया गया था। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘एक दृढ़ फ्रांस, एक एकीकृत फ्रांस, एक फ्रांस जो एकसाथ मिलकर आगे आता है और एक फ्रांस जो आज भी खुद को लड़खड़ाने नहीं देगा। इस तबाही के साथ भावनाओं का एक अथाह सैलाब आया है। यह त्रासदी घृणित है क्योंकि यह वहशीपन है।’’ पुलिस ने बताया कि कंसर्ट हॉल में हुई मौतों के अलावा पेरिस के 10वें आरोंदिसेमां के एक रेस्तरां और शुक्रवार रात को भीड़भाड़ वाले अन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमले में कई लोगों की मौत हो गई।

हमले के बाद रॉक बैंड यू2 ने पेरिस में आज रात कंसर्ट की अपनी योजना रद्द कर दी।

ओलोंद ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, ‘यह एक कड़ी परीक्षा है, एक बार फिर हम पर हमला किया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि यह किसने किया है, अपराधी कौन हैं और ये आतंकी कौन हैं?’ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि यह ‘संपूर्ण मानवता पर हमला है।’ उन्होंने कहा कि पेरिस पर किए गए हमले ‘मासूम नागरिकों को आतंकित करने का घृणित प्रयास है।’ उन्होंने संकल्प लिया कि वह इन हमलों की साजिश करने वालों को न्याय के कठघरे तक लाने के लिए हरसंभव मदद करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस हमलों की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह ‘मानवता पर हमला’ है। इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि बहुत देर हो जाए, इससे पहले आतंकवाद को परिभाषित किया जाए ताकि पूरी दुनिया यह जान सके कि कौन आतंकवाद का समर्थन कर रहा है और कौन इसके खिलाफ है।

ओलोंद को इस सप्ताहांत तुर्की में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने जाना था लेकिन उन्होंने इस यात्रा को रद्द कर दिया। इस शिखर सम्मेलन में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के बढ़ते भय पर प्रमुख तौर पर ध्यान केंद्रित किया जाना है।