बीफ केस और भाजपा से जुड़े संगठनों की बेलगाम बयानबाजी से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर नकारात्मक असर पड़ा है। अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडी के मुताबिक अगर मोदी सरकार इन मामलों में लगाम लगाने में नाकाम रही तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
मूडी के अनुसार हाल के दिनों में कुछ घटनाओं से भारत की साख पर असर पड़ा है। 'इंडिया आउटलुक-सर्चिंग फॉर पोटेंशियल' में रिपोर्ट के मुताबिक निवेशकों में भरोसा पैदा करने के लिए मोद सरकार को अपने वादों पर खरा उतरना होगा। लेकिन भाजपा और उनसे जुड़े संगठनों के नेताओं की बयानबाजी से सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ये सच है कि सत्ताधारी भाजपा सरकार की राज्यसभा में बहुमत नहीं है, और विपक्ष के विरोध की वजह से आर्थिक सुधारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण विधेयक लटके हुए हैं, लेकिन सरकार भी अपनी तरफ से ईमानदार कोशिश नहीं कर रही है। मूडी के मुताबिक पीएम मोदी ने हाल की घटनाओं से दूरी बनाई है,लेकिन सांप्रदायिक सौहार्द में आ रही कमी चिंता का विषय है।
रिपोर्ट के मुताबिक अगर भारत में सांप्रदायिक हिंसा में इजाफा होता है तो उसका असर राज्यसभा में दिखेगा। लंबित विधेयकों पर सरकार विपक्ष के विरोध से कुछ नहीं कर पाएगी, और इसका असर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश में देखने को मिलेगा। मुडी के अनुसार भारत की जीडीपी ग्रोथ सितंबर में 7.3 थी, और पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान इसके 7.6 रहने की उम्मीद है।
भूमि अधिग्रहण बिल, जीएसटी, श्रम कानूनों में सुधार से भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।लेकिन मोदी सरकार को इन मुद्दों पर खास कामयाबी मिलती नजर नहीं आ रही है, हालांकि 2016 में सुधार प्रक्रिया को बढ़ावा मिल सकता है।