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UPSC: फ्लैट नहीं मिला तो 'शुभम' बना ऑटो रिक्शा वाले का बेटा अंसार अहमद शेख

यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद
अभाव और चुनौतियों से जूझ कर इस मुकाम तक पहुंचने वाली कई
लोगों की कहानी सामने आ रही है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के
एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर के बेटे अंसार अहमद शेख की कहानी भी
सामने आई है, जिन्हें अपने नाम की वजह से किराए का फ्लैट तक
नहीं मिल पा रहा था। आखिरकार फ्लैट लेने के लिए वह 21 साल के
अंसार से शुभम बन गए।
अपनी पहली कोशिश में ही सिविल सेवा में 361वां रैंक हासिल
करने वाले अंसार 3 साल पहले फर्गुसन कॉलेज में ऐडमिशन लेने पुणे
आए थे। लेकिन आसानी से रहने की जगह नहीं मिल पाने के बाद
उन्होंने शुभम बनने का फैसला किया। हालांकि, मजबूर होकर दूसरे
धर्म का मुखौटा ओढ़ने वाले अंसार अब गर्व से अपना असली नाम
और मजहब बताते हैं। वह कहते हैं कि सरकारी अधिकारी बनने के
बाद सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाना उनका मकसद होगा।

अंसार महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना
जिले में शेलगांव के रहने वाले हैं। उन्होंने साल 2015 में फर्गुसन कॉलेज
से 73 फीसदी अंकों के साथ राजनीति विज्ञान में BA किया है।
OBC वर्ग से होने की वजह से उन्हें IAS मिलने की पूरी उम्मीद है।
ऐसा हुआ तो वह देश के सबसे युवा IAS बन जाएंगे।
उन्होंने कहा, 'मुझपर 3 तरफ से मार पड़ी। मैं अल्पसंख्यक समुदाय से
होने के साथ-साथ गरीब परिवार से हूं और मैं एक बेहद पिछड़े इलाके
का रहना वाला हूं। अब मैं इन तीनों मसलों को हल करने के मकसद से
काम करूंगा, क्योंकि इनकी वजह से मुझे हाशिए पर रहने के लिए
मजबूर होना पड़ा।'

उनके भाई गराज में काम करते हैं और
अंसार कहते हैं कि उनकी मदद के
बगैर यहां तक पहुंच पाना
नामुमकिन था।
अपने अनुभवों को याद करते हुए अंसार की आंखे भर जाती हैं। उस
मुश्किल दौर को याद करते हुए वह कहते हैं कि उनके पिता की 3
बीवियां हैं, उनके घर में पढ़ाई-लिखाई का कोई माहौल नहीं था।
उनके छोटे भाई ने स्कूल में ही पढ़ाई छोड़ दी और 2 बड़ी बहनों की
शादी छोटी उम्र में ही कर दी गई थी। उन्होंने जब अपने घर में
सिविल सेवा परीक्षा पास करने की बात बताई तो सब हैरान हो
गए।