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जेल में पूर्व बाहुबली MP शहाबुद्दीन से मिले नीतीश के मंत्री, लालू ने कहा इसंमें क्या है गलत

 एक जमाना था, जब पूर्व सांसद व राजद नेता मो. शहाबुद्दीन का दरबार सजता था। सिवान में उनके तूती बोलती थी। उनका ऐसा ही दरबार पिछले दिनों सिवान जेल में एक बार फिर सजा, जिसमें हाजिरी लगाई सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व राजद नेता अब्दुल गफूर ने। इस घटना के उजागर होने के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है।

जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे मो. शहाबुद्दीन से मिलने सिवान जाने वाले हर आम व खास जाते रहे हैं। जेल में उनके बाजाप्ता दरबार लगा कर लोगों से मिलने की खबरें आती रहीं हैं, लेकिन जेल प्रशासन ने हमेशा इंकार किया है। लेकिन, इस बार मामला फंस गया।

जानकारी के अनुसार बीते छह मार्च को सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व राजद नेता अब्दुल गफूर सिवान जेल में शहाबुद्दीन से मिलने पहुंचे। उनके साथ एक विधायक भी थे। बताया जाता है कि तीनों के मिलने के लिए जेल में खास व्यवस्था की गई थी।

एक सजे चैंबर में शहाबुद्दीन अपने शाही अंदाज में मंत्री व विधायक के बीच में बैठे। सामने नाश्ता की प्लेट लगी। फिर बातों का लंबा सिलसिला चला।

मंगलवार को जेल यह मामला उजागर हुआ तो मैन्युअल को दरकिनार कर शहाबुद्दीन के लिए खास व्यवस्था को लेकर जेल प्रशासन कटघरे में आ गया है। विपक्ष ने भी इस मामले को लपक लिया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि इस घटना ने साबति कर दिया है कि सरकार का अपराधियों से गठजोड़ है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

मामला उलझता देख मंत्री अब्दुल गफूर ने सफाई दी कि शहाबुद्दीन उनकी पार्टी के नेता है, इसलिए उनसे मिलना गलत नहीं है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने अभी तस्वीर नहीं देखी है, इसलिए फिलहाल कुछ नहीं कह सकते। लेकिन, जेल में कोई भी मीटिंग जेल मैन्युअल के आधार पर ही होनी चाहिए।

राजद अध्यक्ष लालू यादव ने शहाबुद्दीन से मंत्री अब्दुल गफूर के मिलने वाली बात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी वालों का कोई काम नहीं रह गया है? हमसे भी जब लोग जेल में मिलने जाते थे तो नाश्ता -पानी करते थे। इसमें क्या अपराध है? अब्दुल गफूर भी शहाबुद्दीन से जेल में मिलने गए होंगे तो कोई कुछ-कुछ नाश्ता-पानी खिला रहा होगा।