टी20 विश्व कप के पहले मुकाबले में भारतीय टीम बड़ी उम्मीदों के साथ उतरी थी। रैंकिंग में भी शीर्ष पर थे और फॉर्म भी अव्वल दर्जे का था, ऐसे में जब मुकाबला अपनी ही जमीन पर हो, तो उम्मीदें भी बढ़नी ही थीं लेकिन न्यूजीलैंड ने भारत को 79 रन के अंदर समेटते हुए 47 रनों से करारी शिकस्त देकर सबको चौंका डाला। क्या बना न्यूजीलैंड का सबसे बड़ा हथियार, आइए जानते हैं।
- उल्टा पड़ा दांवः
नागपुर के वीसीए स्टेडियम की पिच पूरी तरह से स्पिनर्स को देखते हुए तैयार की गई थी। गौरतलब है कि पिछले काफी समय से भारतीय स्पिनर्स हर प्रारूप में टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत साबित हुए हैं और जाहिर था कि टीम इंडिया की रणनीति भी अपने स्पिनर्स के इर्दगिर्द ही बनी थी। न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और भारत के प्रमुख स्पिनर्स अश्विन और जडेजा को एक-एक विकेट मिला जबकि अतिरिक्त स्पिनर के तौर पर रैना ने भी एक विकेट झटका। भारत ने न्यूजीलैंड को 126 रन पर समेट दिया और सोचा जीत अब दूर नहीं लेकिन वे भूल गए कि कीवी टीम भी इसी रणनीति के साथ मैदान पर उतरी थी, वो भी काफी तैयारी के साथ। उन्होंने अपने तीन स्पिनर्स को मौका दिया और किसी ने भी निराश नहीं किया। उनके तीनों स्पिनर्स ने मिलकर भारत के 9 विकेट चटका डाले। सेंटनर ने 11 रन देकर 4 विकेट लिए, सोढ़ी ने 18 रन देकर 3 विकेट लिए जबकि नाथन मैकुलम ने 15 रन देकर 2 विकेट लिए। तेज गेंदबाजों में सिर्फ एडम मिल्ने को नेहरा के रूप में अंतिम व एक विकेट ही नसीब हुआ।
- एक दिन पहले कप्तान ने खेला था 'शब्दों का खेल':
मैच से एक दिन पहले न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन जब मीडिया से मुखातिब हुए थे तब उन्होंने स्पिन विकेट को लेकर अपनी घबराहट जाहिर की थी। उनके शब्दों से ऐसा लगा था कि भारतीय स्पिनर्स और नागपुर की पिच पर शायद उनके खिलाड़ी ज्यादा देर तक टिक नहीं सकेंगे। आमतौर पर कप्तान शब्दों के जरिए विरोधी टीम को अति-उत्साह वाली स्थिति में ढकेलने का प्रयास करते हैं, शायद विलियम्सन भी इसमें काफी हद तक सफलता हासिल की। पर्दे के पीछे उनकी टीम स्पिन अटैक का जबरदस्त प्रयास करती रही लेकिन पर्दे के सामने उन्होंने अपने स्पिन अटैक की भूमिका को कभी जाहिर नहीं होने दिया।