कनिष्क विमान हादसे का दोषी इंदरजीत सिंह रेयात को कनाडा की जेल से रिहा कर दिया गया है। 23 जून, 1985 को मांट्रियल से नई दिल्ली आ रहा एयर इंडिया का बोइंग 747 विमान कनिष्क आकाश में ही हादसे का शिकार हो गया था। विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे।
संदिग्ध स्थितियों में हुए इस हादसे की जांच में पता चला कि वह आतंकी साजिश थी और बम विस्फोट से विमान को दुर्घटनाग्रस्त किया गया था। उसी दिन टोक्यो से मुंबई आ रहे एयर इंडिया के एक अन्य विमान को भी दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश थी लेकिन टोक्यो एयरपोर्ट पर ही बम फट जाने से वह हादसा बच गया।
टोक्यो एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट में वहां के दो कर्मचारी मारे गए थे। जांच में पता चला कि दोनों ही बम कनाडा के वैंकुवर एयरपोर्ट में लगेज के भीतर रखे गए थे, यह काम वहां सक्रिय खालिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था।
आतंकियों ने यह कार्य सन 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेना की कार्रवाई के विरोध में किया था। दोनों ही वारदातों में संलिप्तता के लिए बिजली मैकेनिक इंदरजीत सिंह रेयात को भी गिरफ्तार किया गया। कनाडा के कानून के मुताबिक विभिन्न मामलों में सजा काटते हुए अब उसे रिहा किया जा रहा है। रिहाई के बाद भी उस पर नजर रखी जाएगी।