अमेरिका ने सीरिया में जारी गृह युद्ध को रोकने के लिए उठाए गए संयुक्त राष्ट्र के शांति प्रस्ताव को इस दिशा में एक अहम कदम माना है। अमेरिका का कहना है कि यह इस दिशा में एक माइलस्टोन है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी कहा कि यह प्रस्ताव सभी संबंधित पक्षों को एक साफ संदेश है। यह सीरिया में हो रही मौतों को रोकने का सही वक्त है। सरकार को अब जमीन पर अपना काम करना चाहिए, इसके लिए भी यह सही वक्त है। केरी ने कहा कि असद जनता का विश्वास खो चुके हैं लिहाजा उन्हें सत्ता से हट जाना चाहिए। उन्होंने इस फैसले को दुर्लभ और सीरिया के लिए उठाया गया बेहतरी कदम बताया है। हालांकि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में सीरिया के राष्ट्रपति असद की सत्ता को लेकर विरोध बरकरार रहा।
जॉन केरी ने माना कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में राष्ट्रपति असद के भविष्य को लेकर कई तरह के मत हैं। इसके बावजूद अमेरिका का रुख बेहद स्पष्ट है कि उन्हें देश में शांति बहाली के लिए सत्ता से हट जाना चाहिए और नए नेता के लिए चुनाव कराना चाहिए। हालांकि उनकी इस मांग को फ्रांस ने सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं ब्रिटेल ले अमेरिका के सुर में सुर मिलाते हुए असद को सत्ता से हटने की हिदायत दी है।
अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से इस्तीफा देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब तक असद अपने पद पर बने हुए हैं, वहां स्थायित्व कायम नहीं किया जा सकता। सीरिया में शांति बहाली के लिए जरूरी है कि वहां ऐसी सरकार बने जो उन इलाकों में भी सुशासन ला सके, जहां अभी अशांति है। यह काम असद के पद छोड़े बिना मुमकिन नहीं है।
पिछले पांच वर्षों के दौरान यह पहला मौका है जब विश्व की बड़ी शक्तियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शनिवार को आम सहमति से शांति बहाली का प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान सीरिया से हो रहे पलायन पर भी चिंता व्यक्त की गई। हालांकि यह भी पूरी तरह से साफ कर दिया गया है कि आईएसआईएस के खात्मे तक वहां पर हवाई हमले जारी रहेंगे। इस प्रस्ताव के बाद अब जनवरी से सीरिया की सरकार और विद्रोही गुटों के बीच शांति बहाली के लिए संघर्ष विराम की बातचीत शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। सीरिया में आईएस के खात्मे के लिए अमेरिका, रूस और फ्रांस के हवाई हमले जारी रखने पर सहमति बनी है।
न्यूयॉर्क के यूएन मुख्यालय में हुई इस अहम बैठक में स्पेन, ब्रिटेन, अमेरिका, रूस समेत 15 काउंसिल मेंबर शामिल हुए। बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून भी मौजूद थे। बैठक में इस प्रस्ताव के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। सुरक्षा परिषद ने माना कि अब यहां इंसानियत का कत्ल नहीं होना चाहिए और यहां पर हो रहे खून खराबे को हर हाल में रोका जाना चाहिए। गौरतलब है कि सीरिया में जारी युद्ध में अब तक ढाई लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक छह करोड़ लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।