Loading...

केजरीवाल ने गलत नंबर डायल किया, 10 करोड़ देने के लिए तैयार रहें: BJP

डीडीसीए में घोटाले के आरोपों की जांच के
लिए बने आप (आम आदमी पार्टी) सरकार के आयोग में वित्त
मंत्री अरुण जेटली का नाम नहीं लिए जाने के बाद
बीजेपी ने दिल्ली के सीएम अरविंद
केजरीवाल पर हमले तेज कर दिए हैं। रविवार को
बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के
प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि इस मामले में केजरीवाल ने
'गलत नंबर डायल' कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब केजरीवाल मानहानि
के 10 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार रहें। बीजेपी प्रवक्ता
एमजे अकबर ने सवाल किया कि खुद केजरीवाल के जांच आयोग ने
जेटली का नाम क्यों नहीं लिया? उन्होंने कहा कि इस मामले में
जेटली का नाम उछालने वाले केजरीवाल को अब सार्वजनिक तौर
पर उनसे माफी मांगनी चाहिए।
अकबर ने कहा, 'केजरीवाल ने हर तरह की जुगत लगाई,
लेकिन अब उनके आयोग की जांच रिपोर्ट में ही अरुण
जेटली का नाम नहीं लिया गया है। इस जांच में जेटली
के खिलाफ कोई सबूत भी नहीं मिला है। इसलिए, अब
केजरीवाल को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी
चाहिए।' इस मामले में केजरीवाल को तमाशा करने वाला बताते हुए उन्होंने
कहा कि जेटली को क्लीन चिट मिलने के बाद अब उनका तमाशा
और तिकड़मबाजी नहीं चलेगी।
अरुण जेटली ने इस मामले में केजरीवाल समेत 6 आप नेताओं
पर मानहानि का केस दर्ज करवाया और 10 करोड़ का हर्जाना मांगा है।
केजरीवाल सरकार ने डीडीसीए
(दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ) में भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता के
आरोपों की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया था। आयोग
की रिपोर्ट में अरुण जेटली की ओर से
किसी तरह की धोखाधड़ी किए जाने या फिर कुछ गलत
करने की बात नहीं पाई गई है। 247 पेज की रिपोर्ट
में कोटला स्टेडियम के कॉरपोरेट बॉक्स आदि के निर्माण में आर्थिक अनियमितता
की बात कही गई है, लेकिन जेटली के कार्यकाल में
किसी भी तरह के घोटाले या आर्थिक अनियमितता का जिक्र
नहीं किया गया है।
केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर
सीबीआई छापे से बिफरी 'आप' ने केंद्र सरकार पर
आरोप लगाया था कि डीडीसीए की फाइल को
उठाने के लिए यह छापा मरवाया गया है। छापेमारी की कार्रवाई से
खफा हुए दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा था,
'यह खुलासा किए जाने की जरूरत है कि सीबीआई
आखिर मेरे दफ्तर में क्यों आई थी। वह कौन सी फाइल देखना
चाहती थी। शायद वह
डीडीसीए के जांच आयोग की फाइल देखना
चाहती थी, जिसमें अरुण जेटली फंसने वाले हैं।'
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था, 'जेटली कई सालों तक
डीडीसीए के प्रेजिडेंट थे और मैंने कार्यकाल के
दौरान संस्था में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए समिति का गठन किया है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और इस पर जांच आयोग बिठा
दिया गया है। यह फाइल मेरे ऑफिस में ही रखी थी।'
हालांकि आयोग की रिपोर्ट में जेटली का नाम भी
नहीं लिया गया है। यही नहीं रिपोर्ट में कई
अधिकारियों से लिए गए इंटरव्यू भी दर्ज हैं, लेकिन कहीं
भी वित्त मंत्री का जिक्र नहीं है।