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प्रशांत भूषण पर हमलावर हुई आम आदमी पार्टी, बीजेपी से मिलीभगत का आरोप

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा तैयार जन
लोकपाल बिल को 'जोकपाल' और 'धोखापाल' बताने पर प्रशांत
भूषण आम आदमी पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। ट्विटर पर पार्टी
का बेहद हमलावर रुख सामने आया है। वहीं, आप के कई नेताओं ने भी
ट्वीट के जरिए प्रशांत भूषण पर तीखा हमला बोला है।
विरोध के लिए विरोध
जनलोकपाल बिल पर प्रशांत भूषण के कॉमेंट को आम आदमी
पार्टी सिर्फ विरोध के लिए विरोध बता रही है। पार्टी नेता
राघव चड्ढा ने ट्वीट किया, 'प्रशांत भूषण जब पार्टी के साथ थे,
तब उन्होंने खुद इस बिल का समर्थन किया था। क्या आज वे सिर्फ
विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं?' उन्होंने लिखा, 'जब 49 दिन की
सरकार थी, तब प्रशांत भूषण जी को इस बिल से कोई परेशानी
नहीं थी। उस समय पीएसी में जो चर्चाएं हुईं, उससे उन्हें कोई
परेशानी नहीं थी।'
बीजेपी से मिलीभगत
इधर, आप नेता दिलीप पाण्डेय ने भी प्रशांत भूषण पर जोरदार
हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया, 'ऐसा लग रहा है
जनलोकपाल की भ्रूणहत्या की कोशिश कर प्रशांत जी बीजेपी
के साथ खड़े हो गए। आईएसी के समय केंद्र सरकार लोकपाल के
दायरे में ठीक, अब नहीं?' वहीं, आशुतोष ने भी प्रशांत भूषण की
बीजपी से मिलीभगत का दावा करते हुए कहा, 'केजरीवाल को
कोसने के लिये इतना उतावलापन क्यों भाई? ये सब किसको
फ़ायदा पंहुचाने के लिये? कभी मोदी बीजेपी की भी आलोचना
कर ले?'
केजरीवाल को कोसने के लिये इतना उतावलापन क्यों
भाई ? ये सब किसको फ़ायदा पंहुचाने के लिये ? कभी
मोदी बीजेपी की भी आलोचना कर ले ?

केंद्र के खिलाफ नहीं बोलते प्रशांत
आप नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ अब तक कुछ नहीं बोलने को
लेकर भी प्रशांत भूषण पर सवाल उठाया। राघव चड्ढा ने ट्वीट
किया, 'प्रशांत भूषण जी केंद्र सरकार से खिलाफ एक बार आवाज
नहीं उठाते। वह क्यों केंद्र सरकार से नहीं कहते कि लोकपाल की
नियुक्ति करे?' वहीं, संजय सिंह ने लिखा, 'प्रशांतजी क्या 9 महीनों
में दिल्ली की सरकार ने कोई अच्छा काम नहीं किया? क्या मोदी
सरकार ने कुछ भी गलत नहीं किया फिर एकतरफा आलोचना क्यों?'
प्रशांत जी क्या 9 महीनों में दिल्ली की सरकार ने कोई
अच्छा काम नही किया? क्या मोदी सरकार ने कुछ भी गलत
नही किया फिर एकतरफ़ा आलोचना क्यों?

अरुण जेटली से रिश्ते
आप नेताओं ने बीजेपी नेता अरुण जेटली के साथ प्रशांत के रिश्ते
को लेकर भी खूब हमला बोला। राघव चड्ढा ने कहा, 'यह प्रशांत
भूषण की नहीं बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। हर किसी को अरुण
जेटली के साथ उनके रिश्ते के बारे में पता है।' वहीं, आशुतोष ने
प्रशांत भूषण पर आम आदमी पार्टी की दिल्ली चुनाव में हार की
साजिश रचने का भी आरोप लगाया। आशुतोष ने लिखा, 'दिल्ली
चुनाव से पहले भूषण परिवार ने सार्वजनिक तौर पर आम आदमी
पार्टी को चुनाव हराने के प्रयास किए हैं। अरुण जेटली के इशारे पर
पहले चुनाव हरवाना चाहा, अब लोकपाल हड़पना चाहते है? क्यों?
देश देख रहा है और इतिहास भी!'
अरूण जेटली के इशारे पर पहले चुनाव हरवाना चाहा , अब
लोकपाल हड़पना चाहते है ? क्यों ? देश देख रहा है और
इतिहास भी !

जल्दी ही बीजेपी दे सकती है पद
राघव चड्ढा ने कहा कि प्रशांत भूषण दरअसल बीजेपी के प्रति
अपनी निष्ठा साबित करने के लिए यह सब कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट
किया, 'बीजेपी प्रशांत भूषण की निष्ठा की परीक्षा ले रही है।
यह कोई हैरानी की बात नहीं होगी कि बीजेपी की ओर से
प्रशांत भूषण को कोई पद दे दिया जाए।'
हूबहू आंदोलन वाला जनलोकपाल
आम आदमी पार्टी का दावा है कि वह अन्ना आंदोलन के वक्त
तैयार जनलोकपाल के मसौदे से बिल्कुल भी नहीं हटी है। पार्टी ने
ट्वीट कर कहा, 'आम आदमी पार्टी के लिए जनलोकपाल देशभर के
आंदोलनकारियों के प्रति जवाबदेही है जिन्होंने आंदोलन में
अपना खून पसीना बहाया। हमारा समर्पण अडिग है।' वहीं, पार्टी
नेता राघव चड्ढा ने लिखा, 'ये वही जनलोकपाल बिल है जो
आन्दोलन से निकल कर आया था। प्रशांत भूषणजी जनलोकपाल
बिल पर जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह पूरी तरह वही बिल है जो
रामलीला मैदान में पारित हुआ था।'
आम आदमी पार्टी के लिए जनलोकपाल देशभर के
आंदोलनकारियों के प्रति जवाबदेही है, जिन्होंने आंदोलन में
अपना खून पसीना बहाया. हमारा समर्पण अडिग है.

बिल के हरेक बिंदु पर होगी गहन चर्चा
आम आदमी पार्टी ने कहा कि बिल को यूं ही पास नहीं कर
दिया जाएगा बल्कि इसके हरेक बिंदु पर गहन चर्चा होगी। पार्टी
ने कहा, 'जनलोकपाल आन्दोलन का हिस्सा रहे कार्यकर्ता जो
अब एमएलए हैं, इस बिल के हर एक बिंदु पर विस्तार से विचार विमर्श
करेंगे।'
जनलोकपाल के लिए ही छोड़ी थी सरकार
पार्टी ने याद दिलाया कि यह आम आदमी पार्टी ही है जिसने
जनलोकपाल के मुद्दे पर 49 दिनों में ही सरकार का त्याग कर
दिया। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि जो पार्टी अपने ही
भ्रष्टाचारी मंत्री तक को नहीं बख्शती वो अपने भ्रष्टाचार
विरोधी सपने को पाने के सबसे बड़े हथियार संग खिलवाड़ नहीं कर
सकती। पार्टी ने दिल्ली की जनता को एक मजबूत और स्वतंत्र
लोकपाल देने का वादा किया।
गौरतलब है कि मशहूर वकील और किसी समय अरविंद केजरीवाल के
सहयोगी रहे प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए
कहा कि वह अन्ना आंदोलन के जन लोकपाल मसौदे के प्रावधानों
को कमजोर करके लोगों को सबसे बड़ा धोखा दे रहे हैं। वहीं, उनके
पिता शांति भूषण ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की
मांग कर डाली।