'बाबूजी' के नाम से मशहूर कानपुर के उद्योगपति और पान पराग के संस्थापक मनसुख लाल महादेव भाई कोठारी का शुक्रवार सुबह अहमदाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके दो पुत्र और एक पुत्री है। मामूली सी नौकरी से अपने करियर का आगाज करने वाले मनसुख भाई ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया और इसमें वह काफी सफल भी रहे। समाज की तरक्की के लिए उन्होंने स्कूलों समेत कई संस्थानों की शुरुआत की।
पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि करीब एक माह पहले उनकी इच्छा अपनी कर्मभूमि में आ कर रहने की हुई। तब से वह यहीं पर अपने पुत्र दीपक कोठारी के पास आ गये। बीती रात उनकी हालत बिगड़ी और रात करीब तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार शनिवार 28 नवंबर को कानपुर के भैरोघाट में सुबह होगा।
एक छोटे से गांव निराली में पैदा हुए मनसुख अपने आठ भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत महज 1.25 रुपये की दिहाड़ी से की थी। लेकिन आगे बढ़ने की सोच और उनकी मेहनत करने की चाह कभी न खत्म हुई और न ही कभी धीमी ही हुई। यही वजह थी कि वह पान मसाले के कारोबार में एक बड़ा नाम बनकर सामने आए। उनके द्वारा शुरू किया गया 'पान पराग' आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है।
मनसुख भाई ने इसकी शुरुआत 18 अगस्त 1973 में की थी। उस वक्त कोई नहीं जानता था कि यह एक बड़ा ब्रांड बन जाएगा। लेकिन हुआ कुछ ऐसा ही। अस्सी के दशक में इस ब्रांड ने तहलका मचा दिया था और यह हरदिल अजीज हो गया था। उन्हें 1987 में राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा था।
पान पराग के उस विज्ञापन को आज तक कोई नहीं भूल पाया है जो शम्मी कपूर और अशोक कुमार पर फिल्माया गया था। इसमें कही गई लाइन 'बारातियों का स्वागत पान पराग से कीजिएगा' सभी की जुबान पर चढ़ गया था। यह विज्ञापन उस दौर पर टीवी पर आने वाला सबसे बड़ा विज्ञापन था। उन्हें पूर्व पीएम राजीव गांधी ने भी राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था।
उपलब्धियां :-
वर्ष 1973: 18 अगस्त पर "पान पराग" का शुभारंभ।
वर्ष 1983: कोठारी प्रोडक्ट्स प्राइवेट के रूप में शुरुआत।
वर्ष 1983-1987: "पान पराग" एकल सबसे बड़ा टीवी पर विज्ञापनदाता और पान मसाला 1983-1987 की अवधि में एक Megabrand बन गया था।
वर्ष 1985: स्वचालित और आधुनिकीकरण प्लांट में पाउच के क्रांतिकारी पैकिंग में पान मसाला का शुभारंभ।
वर्ष 1987: "पान पराग 'के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।
वर्ष 1988: बजट वाशिंग पाउडर का शुभारंभ।
राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार श्री एम.एम. पर सम्मानित किया गया तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी ने कोठारी।
वर्ष 1995: कोठारी प्रोडक्ट्स लिमिटेड एक सूचीबद्ध कंपनी बन गई।
मिनरल वाटर "यस" का शुभारंभ।
वर्ष 2003: KPL "पराग सुपारी" के लिए एफएमसीजी पुरस्कार 2003 प्राप्त हुआ है, "पराग सादा" और 28 मई को नई दिल्ली में AMGF द्वारा "पान पराग प्रीमियम" सुप्रीम " की शुरुआत हुई।
वर्ष 2003: KPL भारत के सबसे पसंदीदा ब्रांड के लिए 2004 उपभोक्ता दुनिया पुरस्कार प्राप्त "मेरा ब्रांड"।
वर्ष 2005: शिक्षा क्षेत्र में कदम रखा और नोएडा में कोठारी इंटरनेशनल स्कूल की स्थापना।
वर्ष 2009: उत्कृष्टता का प्रमाण पत्र जनवरी 2 पर वर्ष 2008 के लिए चबाने वाली तम्बाकू के निर्यात में सबसे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्थापना दिवस समारोह पर तम्बाकू बोर्ड द्वारा सम्मानित किया गया।