भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिनों की ब्रिटेन यात्रा पर हैं और भारतीय मूल के लोगों में उनकी यात्रा को लेकर अलग-अलग राय दिखरही है.
ब्रिटेन में भारत से आकर पढ़ने वाले छात्रों में से कुछ को इस बात का भी इंतज़ार है कि मोदी भारत में असहिष्णुता पर जो बहस उठी है उस पर क्या करते हैं.
गोवा की रहने वाली निकिता रोड्रिगेज़ राजनीति शास्त्र
पढ़ रही हैं. निकिता खुल कर कहती हैं कि वो और भारत में रहने वाला उनका परिवार गोमांस खाता है.
निकिता ने कहा, "जब पता चला कि गोमांस खाने की अफवाहों में ही किसी पर भारत में हमला हो गया तो घबराहट बढ़ी. मैं खुद ईसाई हूँ और भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र रहा है.
लेकिन इस तरह की वारदातें देश को पीछे धकेल रही हैं." निकिता ने कहा कि एक तरफ़ तो देश की तुलना चीन से की जा रही है और दूसरी तरफ भारत में गोमांस पर हंगामा हो रहा है.
लंदन के होबर्न इलाके में जब निकिता से बात हो रही हो रही थी तब बगल में खड़ी उनकी पाकिस्तानी
मित्र ने ही कहा, "सुना है मोदी बड़े स्मार्ट पीएम
हैं. फिर ये बीफ-वीक का चक्कर तो बड़े अफ़सोस
की बात है." थोड़ा आगे बढ़ने पर हम लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स पहुंचे जहाँ भारतीय छात्र बढ़ी संख्या में पढ़ने आते हैं. बैंगलुरु में स्कूली पढ़ाई खत्म करके रिया कोटेचा अब इकोनॉमिक्स पढ़ने लंदन पहुंची हैं.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है गोमांस को लेकर कथित हत्या ज़्यादा बड़ा मुद्दा भारत में ही रहा है विदेशों में इस पर उतनी बात होती नहीं दिखी. हालांकि मोदी के आने के बाद हम युवाओं में बड़ा उत्साह रहा है और उनमें कुछ कर दिखाने का जज़्बा भी दिखता
है." वो कहती हैं, "लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इस तरह की घटनाओं से देश की छवि को नुकसान भी पहुंचा है और मोदी के बाद भारत में लोग बँटे दिख रहे हैं." वैसे गुजराती मूल की और रिया के साथ पढ़ने वाली
शिवानी सेठ की राय अपनी मित्र से बिलकुल अलग
हैं. उनके अनुसार, "मोदी के पास दिलचस्प आइडियाज़ तो हैं लेकिन उनकी इस यात्रा के बाद ये और साफ़ हो जाएगा कि ब्रिटेन में लोग उनमें कितनी दिलचस्पी लेते हैं. असहिष्णुता की तरह के विवाद तो देशों में होते रहते हैं और फिर ख़त्म भी हो जाते हैं."
लंदन में भारतीय मूल के छात्रों से बात करने पर जो बात साफ तौर पर पता चलती है वो है लगभग उन सभी की भारतीय राजनीति में दिलचस्पी.
ज़्यादातर को पता है कि भाजपा को बिहार में क़रारी शिकस्त मिली है और मोदी की ब्रिटेन यात्रा पर इसका साया तो रहेगा ही. ज़्यादातर को ये भी पता है कि बीफ़ खाने के मामले पर भारत में बड़ा विवाद खड़ा हो गया था और उसके परिणाम क्या हो सकते हैं.
लेकिन कई ऐसे भी हैं जिन्हें नरेंद्र मोदी के विकास कराने की बात पर अटूट विश्वास है.
बीए के छात्र ढिल्लन ने भारत में नरेंद्र मोदी की
तुलना अमरीका में बराक ओबामा से की.
उन्होंने कहा, "गोमांस खाने पर हमले और इनटॉलरेंस के मुद्दे मैंने भी सुने हैं. लेकिन ऐसी कोई बड़ी बात भी नहीं है. यहाँ पर तो मोदी के बारे में सकारात्मक चीज़ें ही सुनने को मिलती हैं. मैं और मेरा परिवार भी टिकट लेकर उन्हें सुनने के लिए वेम्बली जा रहे हैं."
Loading...