जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लेने गये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने ओबामा से भारत के सौर ऊर्जा से जुड़े भविष्य की योजनाओं से अवगत कराया. इससे पहले प्रधानमंत्री ने जापान के राष्ट्राध्यक्ष शिंजो आबे से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, भारत जलवायु परिवर्तन के संबंध में अपनी सभी जिम्मेदारियां पूरी करेगा.
प्रधानमंत्री ने अपने व्यस्तम कार्यक्रम के बीच आज जलवायु सम्मेलन में इंडियन पेवेलियन का उद्घाटन किया. जलवायु परिवर्तन को एक बडी वैश्विक चुनौती बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए व्यापक, न्यायसंगत और दीर्घकालिक समझौते पर सहमति के लिए दुनिया को इसे अत्यावश्यक मानते हुए काम करना होगा.
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से इतर एक बेबाक उद्बोधन में मोदी ने जीवनशैली में बदलाव की भी वकालत की ताकि धरती पर बोझ कम हो। उन्होंने कहा कि कुछ की जीवनशैली से विकासशील देशों के लिए अवसर समाप्त नहीं होने चाहिए.मोदी ने ग्रीन-हाउस गैस उत्सर्जन से लडने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दर्शाने वाले एक विशेष भारतीय पवेलियन का यहां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन स्थल पर उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन एक बडी वैश्विक चुनौती है. लेकिन यह हमारी बनाई हुई नहीं है.' उन्होंने सम्मेलन से निकलने वाले परिणाम को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि दुनिया अत्यावश्यक आधार पर काम करे। हम पेरिस में एक व्यापक, न्यायसंगत और दीर्घकालिक समझौता चाहते हैं.' प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में और ‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस' अखबार के आज के संस्करण में विचार वाले हिस्से में लिखे एक लेख, दोनों ही जगह जीवनशैली में बदलाव की जरुरत पर जोर दिया.
उन्होंने पवेलियन में उपस्थित श्रोताओं से कहा, ‘‘और, मैं जीवनशैली में बदलाव का भी आह्वान करंगा ताकि हम अपनी धरती पर बोझ कम कर सकें। हमारे प्रयासों की स्थाई सफलता हमारे रहने और सोचने के तरीके पर निर्भर करेगी।' मोदी ने अपने लेख में लिखा, ‘‘कुछ की जीवनशैली से उन कई देशों के लिए अवसर समाप्त नहीं होने चाहिए जो अब भी विकास की सीढी पर पहले पायदान पर हैं.