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जम्मू-कश्मीर में तनाव बरकरार, अब तक 41 लोगों की मौत

हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से कश्मीर में प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। राज्य में भड़की हिंसा में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों की गर्मी की छुट्टियां एक और हफ्ता बढ़ाने का फैसला लिया गया है। कश्मीर में 17 दिन की गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल और कॉलेज आज खुलने थे। अगर हालात सामान्य रहे तो 25 जुलाई को यह संस्थान खुल जाऐंगे। हुर्रियत ने तीन दिन की हड़ताल का एलान किया था जिसका आज आखिरी दिन है।

कश्मीर मे बिगड़े हालात पर काबू पाने के लिए केद्र सरकार केद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो हजार अतिरिक्त जवान घाटी भेज रही है। सीआरपीएफ की 20 नई कंपनियां हालात सामान्य बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को सहयोग देगी। इससे पहले भी केद्र सरकार की ओर से 2800 सीआरपीएफ जवान कश्मीर भेजे गए है।
केद्र सरकार कश्मीर के हालात को लेकर बहुत गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह स्थिति पर पूरी नजर रखे गए है। ऐसे मे हालात सामान्य करने के लिए केद्र की ओर से राज्य को पूरा सहयोग दिया जा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रो के अनुसार नई कंपनियां मे कुछ देश विरोधी तत्वो के मंसूबो को नाकाम बनाने के लिए रोड़ ओपनिंग कमेटियो की भूमिका भी निभाएंगी। राज्य मे कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ की 60 बटालियन पहले से तैनात है। हर बटालियन मे एक हजार के करीब जवान है।
कांग्रेस का मानना है कि कश्मीर मे सुरक्षाबलो ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेतहाशा बल प्रयोग किया है, जो नही होना चाहिए था। कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी के साथ कश्मीर के हालात का जायजा लेने रविवार को श्रीनगर पहुंचे पूर्व केद्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हम सुरक्षाबलो के खिलाफ नही है, लेकिन उन्हे किसी के कत्ल की आजादी नही दी जा सकती। केद्र को कश्मीर मे पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगानी चाहिए। उन्होने ¨हसक प्रदर्शनो मे 44 लोगो की मौत और लगातार कफ्र्यू से पैदा हालात के लिए राज्य व केद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी से सर्वदलीय बैठक बुलाने पर जोर दिया।

अंबिका सोनी और सलमान खुर्शीद ने रविवार को श्रीनगर मे संयुक्त पत्रकार वार्ता मे कहा कि कश्मीर के हालात वाकई चिंताजनक है। उन्होने कहा कि हम मौजूदा हालात पर सियासत करने नही आए है और न हमारा ऐसा इरादा है। केद्र को पहले ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर हालात सामान्य बनाने का प्रयास करना चाहिए था, लेकिन अभी भी देर नही हुई है।