Loading...

अमेरिका में मुलमानों के आने पर रोक लगे: डोनल्ड ट्रंप

रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी
की दौड़ में सबसे आगे चल रहे डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका में
मुसलमानों के आने पर पूरी तरह रोक लगा देनी चाहिए। ट्रंप ने कहा
कि अमेरिका में मुस्लिमों की एंट्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना
चाहिए। उन्होंने कहा कि यह तब तक जारी रहना चाहिए जब तक
देश के प्रतिनिधियों को समझ में न आ जाए कि यह हो क्या रहा
है। इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि मस्जिदों को निगरानी में रखने
की जरूरत है। उन्होंने कहा था, 'मैं अमेरिका में सभी मुसलमानों के
रहने पर डिबेट कराना चाहता हूं।'
कैलिफोर्निया में एक जनसमूह पर गोलीबारी के बाद से ट्रंप
मुस्लिम समुदाय पर पूरी तरह से हमलावर हो गए हैं। इस शूटिंग में
पाकिस्तान मूल की एक दंपती शामिल थी। इस दंपती को
आईएसआईएस का समर्थक बताया जा रहा है। हमलावर फारूक के
पिता ने भी सोमवार को एक इटैलियन अखबार से कहा था कि
उनका बेटा कैलिफोर्निया में हमला करने से पहले आईएसआईएस का
समर्थक था। हालांकि इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक
ओबामा ने अपने देशवासियों से आग्रह किया था कि वे डर के
कारण एक दूसरे के खिलाफ न जाएं।
ट्रंप की इस टिप्पणी के बाद अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को
लेकर विपक्ष को भी इन मुद्दों पर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए
मजबूर होना पड़ेगा। अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में
धर्म एक मुद्दा बन सकता है। ट्रंप की इन टिप्पणियों पर समर्थन भी
मिल रहा है। उनके समर्थक बेहद उत्साहित हैं। सोशल मीडिया और
के साथ ट्रंप की रैलियों में भी उनके समर्थक उत्साहित हैं।
साउथ करोलिना के 75 साल के चार्ली मार्जका ने सीएनएन से
कहा, 'मैं भी सोचता हूं कि अमेरिका में मुस्लिमों के आने पर पूरी
तरह से पाबंदी होनी चाहिए। इसकी वजह साफ है- किसी का
रवैया क्या है हम इसकी पहचान नहीं कर सकते।' इससे पहले डोनल्ड
जे. ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद
अमेरिका की न्यू जर्सी सिटी में हजारों मुस्लिम जश्न मना रहे थे।
ट्रंप की इस टिप्पणी को लेकर भी खूब आलोचना हुई थी। लेकिन
ट्रंप ने दो टूक कहा था कि वह अपने बयान पर कायम हैं और इसे
साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
ट्रंप ने कहा कि सर्वे दिखाते हैं कि अमेरिकी लोगों के प्रति
मुसलमानों की नफरत देश को खतरे में डाल सकती है। अमेरिकी
राष्ट्रपति के ऑफिस वाइट हाउस ने ट्रंप के बयान की कड़ी
आलोचना की है। उन्होंने ट्रंप के बयान को 'गैर-अमेरिकी' बताया
है। वाइट हाउस ने एक बयान में कहा है कि ट्रंप का बयान अमेरिकी
मूल्यों और उसके राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के विपरीत है।
पिछले दिनों कैलिफोर्निया के सैन बर्नारडिनो में एक मुसलमान
दंपती की गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे। ट्रंप ने कहा,
'विभिन्न सर्वेक्षणों पर गौर किए बिना भी ये बात साफ दिखती
है कि उनकी नफरत की कोई तुलना नहीं की जा सकती है। ये
नफरत कहां से आई और क्यों आई, ये हमें तय करना होगा।' 'ट्रंप ने अब
अमेरिका में आने वाले मुसलमान पर्यटकों तक पर रोक लगाने वाली
बात कह कर उन्होंने नई बहस छेड़ दी है।