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आतंकवाद को धर्म से न जोड़ा जाए- मोदी

आतंकवाद को दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे धर्म से अलग करने का आह्वान किया और दुनिया से एकजुट होकर ‘राजनीतिक संतुलन’ का विचार किये बिना इसका मुकाबला करने को कहा। उन्होंने साथ ही पाकिस्तान का नाम लिये बिना यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई देश आतंकवाद का इस्तेमाल, समर्थन या प्रोत्साहन नहीं करने पाये।
मोदी ने यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, ‘आतंकवाद आज दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बन गया है। इसकी कोई सीमा नहीं है। और यह धर्म का नाम लेकर लोगों का अपने लिये इस्तेमाल करता है। लेकिन यह सभी धर्मो के लोगों की हत्या करता है। हमें आतंकवाद से धर्म को अलग करना होगा । विभेद केवल यह होना चाहिए कि कौन लोग मानवता में विश्वास रखते हैं और कौन लोग इसमें नहीं रखते हैं।’

उन्होंने कहा, 'हमारे समय की इस सबसे बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए दुनिया को एकसाथ आना होगा। हम अपने खुफिया तंत्र की सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकते हैं, हम सेनाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, हम कानूनी व्यवस्था में सहयोग कर सकते हैं.. लेकिन जब मैं कहता हूं कि दुनिया को इसके खिलाफ एकसाथ आना चाहिए तब यह केवल सुरक्षा सहयोग तक ही सीमित नहीं होता है बल्कि इसका आशय यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई भी देश आतंकवाद का इस्तेमाल न करे और न ही इसे प्रोत्साहित करे।’ प्रधानमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि इंटरनेट आतंकवादियों की भर्ती का जरिया नहीं बनने पाये।

इससे पहले 10वें पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीतिक संतुलन का विचार नहीं आना चाहिए और इसके विरूद्ध नये वैश्विक प्रण और रणनीति बनायी जानी चाहिए।