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बिहार : पूूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन भागलपुर से जेल से हुए रिहा

तेजाब कांड में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सिवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन 13 साल बाद शनिवार की सुबह जमानत पर जेल से रिहा हो गए। जेल से बाहर आकर शहाबुद्दीन ने कहा कि कोई मुझसे डरा हुआ नहीं है। मुझे आतंक का पर्याय कहना गलत है। 13 साल बाद अपने घर जा रहा हूं। पिछले 10 साल से मैंने किसी से मुलाकात नहीं की है और न कोई पब्लिक मीटिंग की है।
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में शहाबुद्दीन ने कहा कि यह मामला किसी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से आया था वहीं बताएंगे या सीबीआई बताएगी। शहाबुद्दीन ने कहा कि वह घर जाने के बाद राजदेव के परिवार से मिलेंगे।
शनिवार सुबह करीब 7:15 बजे शहाबुद्दीन जेल से बाहर आए। इस मौके पर हजारों की तादात में उनके समर्थक जेल के पास जुटे थे। जैसे से शहाबुद्दीन गेट से बाहर आए भगदड़ मच गई। उनके पास जाने के लिए लोग आगे बढ़ने लगे।
इस दौरान कुछ मीडियाकर्मियों के कैमरे गिर गए और उन्हें हल्की चोट भी आई। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग किया। हाथों में बधाई का पोस्टर लिए लोग शनिवार सुबह से ही जेल के पास खड़े थे। शहाबुद्दीन यहां से 38 गाड़ियों के काफिले के साथ सीवान के लिए चले हैं। उनके साथ हजारों लोग भी हैं।
भागलपुर जेल में शहाबुद्दीन ने बांड भरा
शहाबुद्दीन ने गुरुवार को जमानत की शर्त वाले बंध पत्र पर अपने दस्तखत कर दिए। पूर्व राजद सांसद के वकील और नजदीकी उक्त बेल बांड पेपर को लेकर सिवान के लिए निकल गए। पूर्व सांसद के नजदीकी समर्थक मुहम्मद शहरू समेत लगभग दो दर्जन करीबी समर्थकों के सिवान, वैशाली और पटना से गुरुवार को भागलपुर पहुंचने की चर्चा है। यहां के होटलों के कमरे पूर्व सांसद के समर्थक ने बुक कर रखे हैं।
शुक्रवार को सिवान से जारी होगा रिहाई का आदेश
सिवान में पूर्व सांसद के अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने कहा कि शनिवार को शहाबुद्दीन जेल से रिहा हो जाएंगे। उच्च न्यायालय से मिली जमानत के आदेश की प्रति आ चुकी है। इसके आलोक में शुक्रवार को बेल बांड अदालत में दाखिल किया गया। साथ ही रिलीज आर्डर भी मिल गया। इसके बाद कारा प्रशासन ने रिलीज आर्डर भागलपुर सेंट्रल कारा भेजा।
19 मई भेजे गए थे भागलपुर
शहाबुद्दीन को सिवान जेल से 19 मई को छह माह के प्रशासनिक आदेश पर भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा में लाया गया था। यहां उनकी कमर में दर्द की शिकायत बाद मेडिकल बोर्ड की स्वीकृति से दिल्ली के एम्स में उपचार के लिए 29 जून को कड़ी सुरक्षा घेरे में भेजा गया था। उपचार बाद उन्हें प्रशासनिक आदेश की अवधि तक भागलपुर जेल में रहने के लिए वापस लाया गया।